अप्रैल-जून में प्रमुख बंदरगाहों पर थर्मल कोल का आयात 35 प्रतिशत घटकर 1.77 करोड़ टन
पहली तिमाही में कोकिंग कोल के आयात में भी गिरावट दर्ज हुई
नई दिल्ली। देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों पर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की पहली तिमाही में तापीय कोयले (Thermal Coal) का आयात 34.70 प्रतिशत घटकर 1.77 करोड़ टन रह गया। भारतीय बंदरगाह संघ (Indian Port Association) ने यह जानकारी दी है। कोविड-19 संकट की वजह से इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात भी 28.49 प्रतिशत घटकर 1.06 करोड़ टन रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन बंदरगाहों पर तापीय कोयले का आयात 2.71 करोड़ टन और कोकिंग कोयले का आयात 1.49 करोड़ टन रहा था।
इन बंदरगाहों के ढुलाई आंकड़े रखने वाली आईपीए ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पहली तिमाही में तापीय कोयले का आयात 34.70 प्रतिशत और कोकिंग कोयले का आयात 28.49 प्रतिशत घट गया। आयात में ये गिरावट बिजली की मांग में कमी की वजह से देखने को मिली है। देश का ऊर्जा क्षेत्र बिजली उत्पादन के लिए काफी हद तक तापीय कोयले पर निर्भर करता है। देश में 70 प्रतिशत बिजली उत्पादन कोयला आधारित है। महामारी के बाद से बिजली की खपत में सुधार देखने को मिल रहा है लेकिन अभी भी वो सामान्य के स्तर से नीचे है। इससे पहले से रखे कोयले के खपत में भी असर देखने को मिला है। जिससे कोयले की मांग में कमी दर्ज हुई है।
वहीं दूसरी तरफ कारोबारी मांग घटने से कोकिंग कोल पर भी असर दिखा है। कोकिंग कोयले का इस्तेमाल मुख्य रूप से इस्पात के निर्माण में होता है। चीन और अमेरिका के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा कोयला उत्पादक देश है। देश में 299 अरब टन के कोयला संसाधन है। इनमें से करीब 123 अरब टन का पुष्ट भंडार है। भारत का कोयला भंडार 100 साल तक कायम रह सकता है। देश के 12 प्रमुख बंदरगाह.कांडला, मुंबई, जेएनपीटी, मोरमुगाओ, न्यू मेंगलूर, कोचिन, चेन्नई, कामराजार (एन्नोर), वी ओ चिदंबरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया सहित) हैं। देश की कुल माल ढुलाई में इन बंदरगाहों का हिस्सा 61 प्रतिशत है।