नई दिल्ली: भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी मंत्रालयों/विभागों/स्वायत्त निकायों और सरकार के अन्य संस्थानों द्वारा कैलेंडर, डेस्कटॉप कैलेंडर, डायरी, ग्रीटिंग कार्ड और इसी तरह की अन्य सामग्री अब नहीं छपवाई जाएगी। सरकार इस कोरोना महामारी के दौर में अपना खर्चा कर करने की कोशिशों में लगी है। यह कदम भी इस सिलसिले में उठाया गया है। सरकार ने इस फैसले के बाद अब विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सरकारी कंपनियों और बैंकों द्वारा फिजिकल फॉर्मेट में कैलेंडर, डायरी, शेड्यूलर और दूसरी सामग्री की प्रिंटिंग नहीं होगी।
कोविड-19 संकट के बीच देश की अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आयी है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े सोमवार को जारी किए थे। इन आंकड़ों में जीडीपी में भारी गिरावट दिखी। सकल घरेलू उत्पाद में इससे पूर्व वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिये 25 मार्च को पूरे देश में ‘लॉकडाउन’ (बंद) लगाया था। इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। केंद्र ने 20 अप्रैल से धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियों को मंजूरी देनी शुरू की। ज्यादातर रेटिंग एजेंसियों और विशेषज्ञों ने देश के जीडीपी में 2020-21 में गिरावट का अनुमान जताया है। इस बीच, चीन की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून तिमाही में 3.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि जनवरी-मार्च, 2020 तिमाही में 6.8 प्रतिशत की गिरावट आयी थी।
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