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डाक विभाग ने दिया 800 करोड़ रुपए से पेमेंट बैंक स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव, पीआईबी करेगा 15 जनवरी को विचार

सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) संभवत: 15 जनवरी को डाक विभाग द्वारा पेमेंट बैंक स्थापित करने के 800 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर विचार करेगा।

डाक विभाग ने दिया 800 करोड़ रुपए से पेमेंट बैंक स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव, पीआईबी करेगा 15 जनवरी को विचार- India TV Paisa डाक विभाग ने दिया 800 करोड़ रुपए से पेमेंट बैंक स्‍थापित करने का प्रस्‍ताव, पीआईबी करेगा 15 जनवरी को विचार

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) संभवत: 15 जनवरी को डाक विभाग द्वारा पेमेंट बैंक स्थापित करने के 800 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर विचार करेगा। पीआईबी की मंजूरी के बाद इस प्रस्ताव को एक माह में कैबिनेट के पास भेजा जाएगा। वित्त मंत्रालय के तहत पीआईबी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निवेश प्रस्तावों की समीक्षा करता है। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि पीआईबी 15 जनवरी को होने वाली बैठक में डाक विभाग के पेमेंट बैंक स्थापित करने के 800 करोड़ रुपए के प्रस्ताव पर विचार करेगा। भुगतान बैंक के लिए पायलट प्रोजेक्‍ट जनवरी- 2017 से शुरू हो जाएगा, जबकि पूर्ण बैंक का परिचालन मार्च- 2017 तक शुरू होगा।

पेमेंट बैंक के लिए विश्व बैंक और बार्कलेज सहित 40 अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों ने डाक विभाग के साथ भागीदारी की इच्छा जताई है। रिजर्व बैंक डाक विभाग को पहले ही पेमेंट बैंक का लाइसेंस दे चुका है। डाक विभाग की देशभर में 1.55 लाख शाखाएं हैं। रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार भुगतान बैंक सीमित दायरे में मसलन डिमांड जमा और धन प्रेषण यानी रेमिटेंस आदि की सुविधा प्रदान करेंगे। उन्‍हें ऋण गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं होगी। वे प्रत्येक ग्राहक से एक लाख रुपए तक का ही जमा रख सकेंगे।

आयकर अधिकारियों के काम की समीक्षा के प्रारूप में बदलाव 

गैर-विरोधात्मक कर व्यवस्था सुनिश्चित करने और करदाताओं को समय पर सेवाएं देने के लिए आयकर विभाग ने अधिकारियों के निष्पादन का आकलन, एक मामले के निपटान की गति और आकलन के गुणवत्ता के आधार पर किया जाएगा।  सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि आयकर विभाग ने आकलन के कामकाज में अधिक जवाबदेही लाने के लिए आकलन अधिकारियों (आयकर अधिकारियों व सहायक आयुक्त, उपायुक्तों) की वार्षिक निष्पादन समीक्षा रिपोर्ट में बदलाव किया है। सीबीडीटी ने कहा कि संशोधिक प्रारूप में आकलन अधिकारियों के निष्पादन को आकलन की गुणवत्ता, निपटान की गति और कर आधार बढ़ाने की दिशा में किए गए प्रयासों के आधार पर आंका जाएगा।

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