नई दिल्ली। बजट से बजट तक अगर शेयर बाजार की चाल को देखें तो बीते एक साल में सेंसेक्स 23 फीसदी टूटा है। बीते साल 28 फरवरी 2015 को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली संसद में बजट भाषण पढ़ रहे थे तो सेंसेक्स 29,361 के स्तर पर था, जबकि इस साल 29 फरवरी को सेंसेक्स उस स्तर से करीब 21 फीसदी नीचे 23,154 के करीब कारोबार कर रहा होगा। ऐसे में उन आम निवेशकों को सबसे ज्यादा दिक्कत होती है, जो बजट को शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक अवसर मानते हैं और अपनी सालभर की गाढ़ी कमाई को निवेश करते हैं। बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि छोटे निवेशकों को बजट से पहले सतर्क रहकर रणनीति बनाने की जरूरत है। लंबी अवधि के लिए शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो नकदी को हाथ में रखकर बजट आने का इंतजार करें। बजट की घोषणाओं के अनुरूप निवेश की रणनीति बनाएं।
मार्च का महीना शेयर बाजार के लिए बड़े उतार-चढ़ाव वाला
मार्च का महीना बीते कई वर्षों से बड़े उतार-चढ़ाव वाला साबित हुआ है। सन 2000 से 2015 तक बीते 16 बजटों पर नजर डाले तो मार्च में शेयर बाजार ने 9 बार निवेशकों को निराश किया। जबकि 7 बार बाजार मार्च के महीने में सकारात्मक रहे। बीते साल 2015 में शेयर बाजार मार्च के महीने में 5 फीसदी टूट गए। जबकि इससे पहले बड़ी गिरावट 2001 में 15 फीसदी, 2008 में 11 फीसदी, 2000 में 8 फीसदी और 2003 में 7 फीसदी की रही है। वहीं 2006, 2009, 2011 में शेयर बाजार ने 9 फीसदी चढ़ें।
बजट के बाद सुधर सकती है बाजार की चाल
मार्केट एक्सपर्स विवेक मित्तल का मानना है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यह बजट सुधारों वाला होगा। जेटली के बयान का असर अगर बजट पर भी दिखता है तो बाजार के लिए यह संजीवनी का काम करेगा। बजट में अगर बैकों की हालत सुधारने के लिए कड़े कदम, जीएसटी की डेडलाइन, इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए तो निश्चित तौर पर बाजार के नजरिए से यह अच्छा बजट होगा और आने वाले महीनों में शेयर बाजार में अच्छी चाल देखने को मिल सकती है।
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