नई दिल्ली। सरकार ने एक बार फिर पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 75 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल पर दो रुपए प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी की है। दो सप्ताह से भी कम समय में यह एक्साइज ड्यूटी में दूसरी वृद्धि है। इससे सरकार चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में 3,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटा पाएगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 12 साल के निचले स्तर पर आ गए हैं। लेकिन सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी से उपभोक्ताओं को इससे होने वाला लाभ सिमटकर आधा रह गया है। एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी की वजह से ही शुक्रवार को हुई कीमत में कटौती पेट्रोल के मामले में 32 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल में 85 पैसे प्रति लीटर तक सिमट गई। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की अधिसूचना के अनुसार गैर ब्रांडेड या सामान्य पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी की दर 7.73 रुपए से बढ़कर 8.48 रुपए प्रति लीटर हो गई है। इसी तरह गैर ब्रांडेड डीजल पर यह 7.83 रुपए से बढ़कर 9.83 रुपए लीटर हो गई है। एक्साइज ड्यूटी में इस बढ़ोत्तरी से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 3,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।
दो सप्ताह से भी कम समय में यह एक्साइज ड्यूटी में दूसरी बढ़ोत्तरी है। सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से अपने राजस्व में बढ़ोत्तरी करना चाहती है, जिससे विनिवेश लक्ष्य में आने वाली कमी की कुछ भरपाई हो सके। इससे पहले सरकार ने 2 जनवरी को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 37 पैसे प्रति लीटर तथा डीजल पर दो रुपए प्रति लीटर बढ़ाई थी। इससे सरकार को 4,400 करोड़ रुपए से थोड़ा कम अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। वहीं सरकार ने 17 दिसंबर, 2015 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 30 पैसे और डीजल पर 1.17 रुपए प्रति लीटर बढ़ाई थी, जिससे 2,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सके। सात नवंबर, 2015 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 1.60 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 30 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी, जिससे 3,200 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व जुटाने में मदद मिली है। इस तरह चालू वित्त वर्ष में अभी तक ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी में चार बार बढ़ोत्तरी की गई है।
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