नई दिल्ली। एक रिपोर्ट के अनुसार क्रेडिट, डेबिट व प्रीपेड कार्ड सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियों के बढ़ते इस्तेमाल ने 2011 से 2015 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.08 अरब डॉलर का योगदान किया है।
वीजा इंक की ओर से मूडीज एनालिटिक्स की रिपोर्ट में यह बात निकलकर सामने आई है। इसके अनुसार ऑनलाइन भुगतान की इन प्रणालियों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण 2011-2015 के दौरान 3,36,000 रोजगार सृजित हुए। रिपोर्ट के अनुसार उक्त भुगतान कार्ड सरल ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्साहित करने में भी मददगार हैं। इसके अनुसार इलेक्ट्रॉनिक भुगतान प्रणालियां अपनाए जाने के कारण दुनिया की 70 अर्थव्यवस्थाओं की जीडीपी को लगभग 296 अरब डॉलर का योगदान मिला। वहीं 2011 से 2015 के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को 6,08,00,00,000 डॉलर का योगदान मिला।
भारत में टैबलेट की बिक्री 8 प्रतिशत बढ़ी
रिसर्च फर्म आईडीसी के अनुसार भारत में टैबलेट की बिक्री 2015 में आठ प्रतिशत बढ़कर 38 लाख यूनिट रही। हालांकि दिसंबर 2015 की चौथी तिमाही में टैबलेट बिक्री 10 फीसदी घटकर 8.6 लाख रही। आईडीसी ने एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि कैलेंडर वर्ष 2016 में टैबलेट की बिक्री में मामूली वृद्धि देखने को मिलेगी क्योंकि मांग में ठहराव है। हालांकि वाणिज्य खंड की बिक्री में इस साल दहाई अंक की वृद्धि का अनुमान है।
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