नई दिल्ली। दुनिया में तकरीबन 70 फीसदी मोबाइल सैमसंग के यूज होते हैं। आज ये दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी है। मोबाइल फोन बाजार पर इसका एकाधिकार है। यह कंपनी मोबाइल के अलावा अन्य सेक्टर्स में भी कार्यरत है। सैमसंग की शुरुआत 1938 में साउथ कोरिया में हुई थी। उस समय इसका मुख्य कारोबार मछली और सब्जी बेचना था। सैमसंग शब्द को कोरियन भाषा से लिया गया है, अंग्रेजी भाषा में इसका अर्थ थ्री स्टार्स होता है। कंपनी की शुरुआत महज 40 लोगों के साथ हुई थी और इसमें 3,75,000 लोग काम करते है। वहीं एप्पल के पास केवल 80,300 कर्मचारी हैं।
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सैमसंग 1938 से लेकर अब तक 80 अलग-अलग तरह के बिजनेस में अपना हाथ आजमा चुकी है। कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री की शुरुआत 1960 में की थी। इसके 90 फीसदी प्रोडक्ट्स खुद सैमसंग की ही फैक्ट्री में बनते हैं। सैमसंग द्वारा सबसे पहला मोबाइल डिवाइस 1986 में लॉन्च किया गया था। यह एक कार फोन था। यह गैजेट बाजार में बुरी तरह से पिट गया था। 1993 से सैमसंग दुनिया की सबसे बड़ी चिप (मेमोरी चिप या रैम) मेकिंग कंपनियों में से एक है। जानकारों के मुताबिक एप्पल आईफोन 7 के लिए चिप भी इसी कंपनी ने बनाया है।
तरक्की की सीढ़ी चढ़ना सैमसंग ने 1995 से ही शुरू कर दिया था। इसी साल कंपनी के चेयरमैन ली कुन ही ने कर्मचारियों के सामने 1,50,000 फोन और फैक्स मशीन नष्ट करवा दिए थे। सैमसंग ने इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट के पॉपुलर ब्रांड सोनी को 2004-2005 में ओवरटेक किया और पूरी दुनिया पर छा गई। आज के समय में दुनिया में बिकने वाला हर तीसरा फोन इसका का होता हैं। दुनिया के 70 फीसदी स्मार्टफोन सैमसंग के बनाए रैम का इस्तेमाल करते हैं। सैमसंग कंपनी साउथ कोरिया में सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करने वाली कंपनी है। हर मिनट दुनिया में 100 सैमसंग टीवी बेचे जाते हैं। सैमसंग ग्रुप हर साल अपने नॉन प्रॉफिटेबल ऑर्गेनाइजेशन सैमसंग मेडिकल सेंटर के लिए 100 मिलियन डॉलर डोनेट करता है। एप्पल आई पैड डिस्प्ले वास्तव में सैमसंग द्वारा बनाई गई है।
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