मुंबई: शिव सेना के नियंत्रण वाले ठाणे नगर निगम ने बुधवार को अहमदाबाद- मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना के लिये जमीन देने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। ठाणे नगर निगम ने इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया। इससे पहले तीन बार निगम इस प्रस्ताव को स्थगित कर चुका है या फिर खारिज कर चुका है। शिव सेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र की सरकार का मुंबई में कंजुरमार्ग में मेट्रो कार शेड के निर्माण को लेकर केन्द्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के साथ मतभेद रहा है। ऐसी अटकलें थी कि ठाणे नगर निगम द्वारा बुलेट ट्रेन के लिये 3,849 वर्ग मीटर भूमि राष्ट्रीय तीव्र गति रेल कार्पोरेशन को नहीं देने के पीछे भी मेट्रो कार शेड को लेकर जारी खींचतान ही बड़ी रही है।
देश का पहला बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट है मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन
पूरे परियोजना कार्य को 27 अनुबंध पैकेजों में बांटा गया है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन के अलावा रेल मंत्रालय ने नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को सात हाई स्पीड रेल (एचएसआर) कॉरिडोर के लिए सर्वेक्षण और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम सौंपा है, जिसमें चेन्नई-बैंगलोर-मैसूर और मुंबई शामिल हैं। यह काम पूरा हो जाने के बाद 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से देश में पहली बार बुलेट ट्रेन का आगाज होगा. ऐसा माना जा रहा है कि 2023-24 तक यह पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।
परियोजना की लागत 1.1 लाख करोड़ रुपए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2017 में जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ इस परियोजना का समझौता किया था। मुंबई-अहमदाबाद के 508.17 किमी लंबे बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का 155.76 किमी हिस्सा महाराष्ट्र में, 348.04 किमी गुजरात में और 4.3 किमी दादरा एवं नगर हवेली में है। जून 2021 तक मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर परियोजना) पर 13,483 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस परियोजना की लागत 1.1 लाख करोड़ रुपये है।
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