Bullet Train: फिर से डिजाइन किया गया ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन, अब नहीं कटेंगे 21 हजार मैंग्रोव वृक्ष
महाराष्ट्र के ठाणे बुलेट ट्रेन स्टेशन के निर्माण के कारण 53 हजार मैंग्रोव वृक्षों की कटाई होनी थी। अब इन वृक्षों को कटने से बचाने के लिए स्टेशन के डिजाइन में बदलाव किया गया है।
नई दिल्ली। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (बुलेट ट्रेन) प्रोजेक्ट एक बार फिर चर्चा में है। मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन परियोजना का काम देख रहे नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने शनिवार को कहा कि उसने महाराष्ट्र में कम से कम मेंग्रोव के पेड़ों को नुकसान पहुंचाने के लिए ठाणे स्टेशन का डिजाइन दोबारा बनाया है। इस बदलाव के कारण अब 21 हजार मैंग्रोव वृक्षों को कटने से बचा लिया गया है।
एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने एक बयान में कहा कि पहले 53,000 मेंग्रोव पेड़ काटे जाने वाले थे, लेकिन नई डिजाइन के बाद लगभग 32,044 पेड़ ही प्रभावित हो सकते हैं। खरे ने कहा कि वन्यजीव, वन और तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) से सभी जरूरी मंजूरियां ले ली गई हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग ने हालांकि कुछ शर्तो के साथ मंजूरी दी है। पर्यावरण मंत्रालय ने शर्त रखी है कि ठाणे स्टेशन के डिजाइन की समीक्षा की जाएगी जिससे प्रभावित क्षेत्र सीमित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि हम ठाणे स्टेशन की अवस्थिति बदले बिना मेंग्रोव क्षेत्र के प्रभावित भाग को कम करना चाहते थे। हमने जापान के इंजीनियरों से इसी पर चर्चा की और उसी अनुसार बदलाव किए। एनएचएसआरसीएल के प्रबंध निदेशक ने कहा कि यात्री परिसर पार्किं ग क्षेत्र की तरह है और पैसेंजर हैंडलिंग एरिया को अब मेंग्रोव क्षेत्र से बाहर बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि स्टेशन की अवस्थिति वही है लेकिन दोबारा डिजाइन करने के बाद मेंग्रोव क्षेत्र के पूर्व के 12 हेक्टेयर की तुलना में अब सिर्फ तीन हेक्टेयर भूमि प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि तो इस तरह, हमने 21,000 मेंग्रोव पेड़ों की कटाई बचा ली है और पूरी परियोजना से अब सिर्फ 32,044 मेंग्रोव प्रभावित होंगे।
इससे पहले लगभग 53,000 मेंग्रोव प्रभावित हो रहे थे। खरे ने यह भी कहा कि एनएचएसआरसीएल मेंग्रोव के प्रति पेड़ के लिए मेंग्रोव विभाग में 1:5 के अनुपात में मुआवजा जमा करेगी। विभाग इसके बाद दोबारा वनीकरण करेगा। खरे ने कहा कि तो 32,044 मेंग्रोवों को काटने के बाद लगभग 1,60,220 मेंग्रोव का पौधरोपण किया जाएगा और इसका पूरा खर्चा एनएचएसआरसीएल उठाएगा। खरे ने कहा कि मेंग्रोव के नए पौधे मेंग्रोव विभाग द्वारा उगाए जाएंगे।
बता दें कि राज्य विधान परिषद में सोमवार को शिवसेना की विधायक मनीषा कयांडे के प्रश्न का जवाब देते हुए महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री दिवाकर राउते ने सोमवार को कहा था कि मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल कॉरीडोर के कारण लगभग 13.36 हेक्टेयर में लगे मेंग्रोव के लगभग 54,000 पेड़ प्रभावित होंगे।
जानिए मैंग्रोव वन क्या हैं?
मैंग्रोव पेड़ों और झाड़ियों का एक समूह है जो तटीय इंटरटाइडल जोन में रहते हैं। मैंग्रोव पेड़ों की लगभग 80 विभिन्न प्रजातियां हैं। ये सभी पेड़ कम ऑक्सीजन वाली मिट्टी वाले क्षेत्रों में उगते हैं, जहां धीमी गति से चलने वाले पानी ठीक तलछट को जमा करने की अनुमति देते हैं।भारत मे मुम्बई के तटीय इलाकों में देखे जा सकते हैं।