पेरिस/वॉशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन लेगार्ड ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनाव विश्व अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
पेरिस में एक सम्मेलन के दौरान लेगार्ड ने संवाददाताओं से कहा कि स्पष्ट रूप से अमेरिका तथा चीन के बीच तनाव दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि ताजा अफवाहों और ट्वीट-संदेशों से दोनों देशों के बीच किसी व्यापार समझौते के होने की संभावना कम हुई है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को ट्विटर पर संदेश देकर वैश्विक बाजार को झटका दिया। उन्होंने कहा कि चीन से आयातित 200 अरब डॉलर की वस्तुओं पर शुल्क की दर मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत की जाएगी।
पेरिस फोरम के इस कार्यक्रम में फ्रांस के अर्थव्यवस्था मंत्री ब्रुनो ले मायरे ने दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवसथा के बीच व्यापार युद्ध के प्रभावों को लेकर आगाह किया। फ्रांसीसी मंत्री ने कहा कि हम चीन और अमेरिका के बीच मौजूदा बातचीत पर नजर रख रहे हैं। हम चाहते हैं कि दोनों देश पारदर्शिता और बहुपक्षवाद के सिद्धांतों का सम्मान करे।
व्यापार वार्ता के प्रति प्रतिबद्धता से पीछे हट रहा चीन: अमेरिकी अधिकारी
अमेरिकी प्रशासन ने आरोप लगाया है कि चीन व्यापार और संबंधित मुद्दों पर अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट रहा है। प्रशासन का यह भी कहना है कि अमेरिका चीन से आयातित 200 अरब डॉलर के उत्पादों पर शुक्रवार से उच्च दर से शुल्क लगाने की योजना पर कदम उठा रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ट्विटर पर लिखा कि चीन के साथ व्यापार में अमेरिका को 500 अरब डालर सालाना का नुकसान हो रहा है और वह अब इसे होने नहीं देंगे।
ट्रंप ने यह बात ऐसे समय कही है जब दोनों देश लंबे समय से चल रहे व्यापार युद्ध को समाप्त करने की कोशिश में लगे हैं। चीन के उप-प्रधानमंत्री लिऊ की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल का इस सप्ताह अमेरिका में अमेरिकी अधिकारियों से बातचीत का कार्यक्रम है। इस बैठक का मकसद व्यापार युद्ध को समाप्त करना है जिसका असर दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिध राबर्ट लाइटहाइजर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ दिनों से हमने यह महसूस किया कि चीन की व्यापार युद्ध समाप्त करने में प्रतिबद्धता कम हुई है।
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