नई दिल्ली। नॉर्वे की टेलीकॉम कंपनी टेलीनॉर को अपने भारतीय ऑपरेशन में 310 करोड़ क्रोन (2,530 करोड़ रुपए) का भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में कंपनी ने संकेत दिया है कि यदि वह आगे उचित कीमत पर स्पेक्ट्रम हासिल करने में विफल रही तो उसे भारत से निकलना पड़ सकता है। हालांकि, इसके साथ टेलीनॉर भारत में अपनी 4जी की पहुंच का विस्तार करना चाहती है। कंपनी ने कहा कि वह इस तेज गति के क्षेत्र में सबसे कम दरों की पेशकश करेगी। कंपनी ने कहा कि वह अपने ब्रांड अभियान सबसे सस्ता के तहत सबसे सस्ती सेवा प्रदान करेगी।
कंपनी के वित्तीय नतीजों की नॉर्वे में घोषणा करते हुए टेलीनॉर के वैश्विक मुख्य कार्यकारी सिग्वे ब्रेके ने कहा कि भारत में लंबे समय तक टिकना इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अतिरिक्त स्पेक्ट्रम हासिल कर पाते हैं या नहीं। हम बढ़ते डेटा बाजार में मौजूदा स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि कंपनी ऐसा हल चाहती है, जिससे वह उचित मूल्य पर स्पेक्ट्रम हासिल कर सके। टेलीनॉर भारत में 22 में से छह सर्किलों में सीडीएमए आधारित सेवाएं देती है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में 11,485 करोड़ रुपए आधार मूल्य की सिफारिश की है, जो किसी भी स्पेक्ट्रम बैंड में आज तक का सबसे ऊंचा आधार मूल्य है।
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टेलीनॉर के मुख्य वित्त अधिकारी कार्लसन सोर्बी ने कहा, हम भारत में पैसा कमाने आए हैं। यदि हमें रिटर्न नहीं मिलता है तो हम कुछ और विकल्पों को देखेंगे। जनवरी-मार्च तिमाही में टेलीनॉर इंडिया का परिचालन नुकसान 310 करोड़ क्रोन रहा है, जो एक साल पहले समान तिमाही में 15.9 करोड़ क्रोन रहा था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का राजस्व हालांकि 11 फीसदी बढ़कर 130.6 करोड़ क्रोन पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 117.1 करोड़ क्रोन था।
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