नई दिल्ली। टेलीकॉम सेक्टर की मौजूदा संरचना लाभप्रद नहीं होने के कारण अगले 12 से 18 माह के दौरान फोन कॉल व इंटरनेट डाटा समेत सभी सेवाओं की दरों को दो बार बढ़ाया जा सकता है। ईवाई ने यह अनुमान व्यक्त किया है। ईवाई के लीडर (उभरते बाजारों की प्रौद्योगिकी, मीडिया एवं मनोरंजन और दूरसंचार) प्रशांत सिंघल ने कहा कि दरों में तत्काल वृद्धि अभी के हिसाब से उचित नहीं लग रहा है। यह अगले 12 से 18 महीने में दो दौर में किया जा सकता है तथा पहली वृद्धि अगले छह महीने में की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि मोबाइल टैरिफ में वृद्धि अपरिहार्य है। उपभोक्ताओं के लिए दूरसंचार खर्च ठीक-ठाक कम है और अगले छह महीने में दरों में वृद्धि की जा सकती है। मैं यह नहीं कह रहा कि यह होगा ही, लेकिन जितना जल्दी हो उतना बेहतर। उन्होंने कहा कि कंपनियों को आर्थिक स्थिति तथा किफायत के बारे में भी सोचना होगा, लेकिन बाजार में टिके रहना सुनिश्चित करने के लिए 12 से 18 महीने में दो बार में दरें बढ़ाई जा सकती हैं और पहली वृद्धि अगले छह महीने में भी हो सकती है।
सिंघल ने कहा कि यह नियामकीय हस्तक्षेप के माध्यम से होता है या दूरसंचार उद्योग खुद ही यह करती है, यह देखना होगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि दूरसंचार कंपनियों की वित्तीय स्थिति शुल्क वृद्धि को अपरिहार्य बना रही है। उल्लेखनीय है कि दूरसंचार कंपनियां पिछले साल दिसंबर में कॉल, इंटरनेट आदि सेवाओं की दरें बढ़ा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री अगले दो-तीन सालों में एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (एआरपीयू) को वर्तमान 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत पर ले जाने की बात कर रही है और यह केवल तभी हो सकता है जब टैरिफ में वृद्धि होगी। इसके अलावा इंडस्ट्री को उपभोग आधारित टाडा के लिए फिक्स्ड प्राइस प्लान भी बंद करने होंगे।
सिंघल ने कहा कि यदि कोरोना वायरस महामारी न होती तो मूल्यवृद्धि जून में हो जाती। लेकिन अब महामारी, जो अप्रत्याशित और खतरनाक है, ऐसे में हम अगले छह महीने के दौरान टैरिफ में वृद्धि को देख सकते हैं। वर्तमान संरचना कंपनियों के पूंजी निवेश पर रिटर्न देने के हिसाब से उचित नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मूल्यवृद्धि के लिहाज से उचित नहीं है लेकिन चीजों में अब तेजी से सुधार आ रहा है और अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा कई उपाय भी किए जा रहे हैं।
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