Tejas Express होगी निजी कंपनियों द्वारा चलाई जाने वाली पहली ट्रेन, इस रूट पर चलेगी
देश में निजी कंपनियों द्वारा संचालित पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) लखनऊ और दिल्ली के बीच चलाई जाएगी।
लखनऊ। देश में निजी कंपनियों द्वारा संचालित पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस (Tejas Express) लखनऊ और दिल्ली के बीच चलाई जाएगी। रेलवे बोर्ड ऐसे दूसरे मार्ग पर भी विचार कर रहा है और वह भी 500 किलोमीटर के क्षेत्र में होगा।
अपनी यूनियनों के विरोध प्रदर्शनों के बावजूद रेलवे अपनी दो ट्रेनों के संचालन को निजी क्षेत्र में देने के 100 दिवसीय एजेंडा पर आगे बढ़ रहा है। दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर तेजस एक्सप्रेस की घोषणा 2016 में हुई थी और हाल ही में इसकी नई समय सारिणी की घोषणा की गई।
तेजस एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 12585) सुबह 6.50 बजे लखनऊ जंक्शन से प्रस्थान करेगी और अपराह्न 1.35 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी। वहीं वापसी के समय ट्रेन संख्या 12586 नई दिल्ली से अपराह्न 3.35 बजे प्रस्थान करेगी और लखनऊ जंक्शन रात 10.05 बजे पहुंचेगी। यह ट्रेन रविवार और गुरुवार छोड़कर सभी दिन चलेगी।
ट्रेन की निगरानी इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) को दी जाएगी, जो इसका भुगतान करेगी। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि इन दो ट्रेनों को प्रायोगिक तौर पर दिया गया है और इनका संचालन 100 दिनों के अंदर शुरू होगा। हम ऐसे मार्गों की पहचान कर रहे हैं जिन पर ज्यादा लोग यात्रा करते हों और महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हों। दूसरी ट्रेन के लिए भी मार्ग भी जल्द तय किया जाएगा।
तेजस में यात्रियों को प्रीमियम सेवाएं और सुविधाएं दी जाएंगी। ट्रेन में विमान की तरह व्यक्तिगत एलसीडीएंटरटेनमेंट-कम-इंफोर्मेशन स्क्रीन, ऑन बोर्ड वाई-फाई सेवा, आरामदायक सीटें, मोबाइल चार्जिग, व्यक्तिगत रीडिंग लाइट्स, मोड्यूलर बायो-टॉयलेट और सेंसर टेप फिटिंग की सुविधाएं होंगी।
बता दें कि दिल्ली-लखनऊ रूट पर अभी कुल 53 ट्रेनें चलती हैं, प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हालांकि राजधानी की सेवा नहीं है। इस रूट पर चलने वाली स्वर्ण शताब्दी में सबसे ज्यादा टिकट की मांग रहती है और यह 6.30 घंटे में अपना सफर पूरा करती है।
शुरुआत में आईआरसीटीसी सिर्फ दो ट्रेनों का संचालन निजी कंपनियों को सौंपेगी। 100 दिनों के प्लान में रेलवे के प्रस्ताव में ऑपरेटर्स को दो ट्रेनों का ऑफर दिया गया था। रेलवे ने यह भी कहा था कि अगले 100 दिनों में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) और रिक्वेस्ट फॉर कोट (RFQ) जारी करेगी। हालांकि, रेलवे के इस प्रस्ताव को रेलवे यूनियन की आलोचना झेलनी पड़ी है जिन्होंने इस मुद्दे पर बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करने की धमकी दी है।