Bad Tea: नए साल में चाय की चुस्की पड़ेगी महंगी, उत्पादन घटने से 20 रुपए/किलो तक बढ़ सकते हैं दाम
अनियमित मौसम के कारण चाय उत्पादन में भारी कमी की आशंका है। इसके कारण अक्टूबर से अब तक चाय 4-5 रुपए प्रति किलो तक महंगी हो चुकी है।
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े चाय उत्पादक राज्य असम में अनियमित मौसम के कारण उत्पादन में भारी कमी की आशंका है। इसके कारण अक्टूबर से अब तक चाय 4-5 रुपए प्रति किलो तक महंगी हो चुकी है। वहीं, अगले तीन महीने में इसकी कीमतें 15-20 रुपए प्रति किलो तक और बढ़ने का अनुमान है। यह अनुमान दुनिया की सबसे बड़ी चाय कंपनी मैकलॉयड रसेल इंडिया और गुडरिक ग्रुप जैसी कंपनियां लगा रही हैं। ऐसे में सब्जी और दाल के बाद चाय की चुस्की का महंगा होना तय है। इस तेजी की प्रमुख वजह भारत और केन्या में उत्पादन में भारी गिरावट को माना जा रहा है।
15-20 रुपए किलो महंगी होगी चाय
चाय के बड़े उत्पादक और ट्रेडर मैकलॉयड रसेल इंडिया और गुडरिक ग्रुप ने कहा कि नए सीजन (अप्रैल-मार्च) की शुरुआत तक चाय की कीमतें 15-20 रुपए प्रति किलो तक महंगी हो सकती हैं। वाघबकरी चाय के कार्यकारी निदेशक प्रराग देसाई ने कहा कि, हम पहले ही चाय की कीमतें 12-15 रुपए प्रति किलो तक बढ़ा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बाजार में नई फसल नहीं आ जाती कीमतों में तेजी जारी रहेगी। वहीं, मोहनी चाय ने 20-25 रुपए प्रति किलो चाय महंगी कर दी है। देश में 10,000 करोड़ के चाय बाजार की दो दिग्गज कंपनी टाटा ग्लोबल बेवरेज और एचयूएल चालू सर्दी सीजन के लिए स्टॉक कर रहे हैं।
मैकलॉयड रसेल के सीएफओ कमल बहेती ने कहा कि कीमतों में अगले साल से तेजी आना शुरू हो जाएगा। 2016 में कीमतों में 15 फीसदी से ज्यादा की तेजी की संभावना है। उन्होंने कहा कि सिर्फ 6 महीने नहीं बल्कि पूरे साल चाय की कीमतों में तेजी जारी रहने की आशंका है। बहेती के मुताबिक इस साल देश में उत्पादन 2.5 से 3 करोड़ किलो कम होने का अनुमान है। इसके कारण चालू वित्त वर्ष खत्म होने से पहले चाय 15-20 रुपए किलो महंगी हो सकती है। मैकलॉयड रसेल दुनिया की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड चाय कंपनी है।
केन्या में 14 फीसदी कम हुआ उत्पादन और भारत में भी ऐसे हालात
इस सीजन में केन्या में चाय का उत्पादन कम होने से घरेलू बाजार के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कीमतें तेजी से बढ़ीं हैं। 2015 के शुरुआत में केन्या में सूखे की वजह से सितंबर तक चाय का उत्पादन 14 फीसदी गिरा है। केन्या ब्लैक-टी का सबसे बड़ा निर्यातक देश है। इस साल के शुरुआती 9 महीने के दौरान केन्या में उत्पादन 31.57 करोड़ किलो से घटकर 27.14 करोड़ किलो रह गया है। वहीं, सितंबर के दौरान भारत में चाय का उत्पादन 4.40 फीसदी घटकर 14.88 करोड़ किलो रह गया है। ग्लोबल स्तर पर उत्पादन में आई गिरावट कारोबारियों के लिए फायदेमंद है, लेकिन आम आदमी की परेशानी और बढ़ सकती है।