नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (TCS) पर टैक्स की देनदारी वित्त वर्ष 2015-16 में इससे पहले के वित्त वर्ष की तुलना में बढ़कर दोगुना हो गई है। वित्त वर्ष 2015-16 में टीसीएस पर कुल 8,148.03 करोड़ रुपए की टैक्स देनदारी बनी, जबकि वित्त वर्ष 2014-15 में यह देनदारी 3,962.83 करोड़ रुपए थी।
टीसीएस की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2015-16 में इनकम टैक्स डिमांड बढ़कर 7,955.14 करोड़ रुपए रही, जो कि इससे पहले 3,901.82 करोड़ रुपए थी। इनडायरेक्ट टैक्स डिमांड भी वित्त वर्ष 2015-16 में बढ़कर 192.89 करोड़ रुपए हो गया, जो इससे पहले वर्ष में 61.01 करोड़ रुपए था। टीसीएस की वार्षिक आम सभा 17 जून को मुंबई में आयोजित की जाएगी, जहां वह इस रिपोर्ट के साथ अन्य वित्तीय दस्तावेज भी शेयरधारकों के समक्ष प्रस्तुत करेगी।
TCS का बाजार पूंजीकरण फिर 5 लाख करोड़ रुपए के पार
टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2015-16 में उसके रेवेन्यू में तकरीबन 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त इपिक सिस्टम्स कॉर्प द्वारा मांगे गए 6,227 करोड़ रुपए के विवादित टैक्स डिमांड को भी कंपनी ने वित्त वर्ष 2015-16 के आकस्मिक दायित्व में शामिल किया है, हालांकि कंपनी का दावा है कि वह इससे बच निकलेगी। इसके परिणामस्वरूप कंपनी पर कुल आकस्मिक दायित्व बढ़कर वित्त वर्ष 2015-16 में 15,021 करोड़ रुपए हो गया। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इसमें तीन गुना वृद्धि हुई है। इसकी तुलना में इंफोसिस ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए आकस्मिक दायित्व 188 करोड़ रुपए बताया है।
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