नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू हो जाने के बाद 5 करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी गैर-जमानती अपराध बन जाएगी और पुलिस आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार कर सकेगी। केंद्रीय जीएसटी कानून के मुताबिक, यदि टैक्स योग्य वस्तु या टैक्स योग्य सेवाएं, जिनमें टैक्स चोरी की रकम 5 करोड़ रुपए को पार कर जाती है, तो यह संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध होगा।
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GST पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) के जवाब में केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) ने कहा कि इस कानून के तहत अपराध गैर-जमानती और संज्ञेय है। सरकार ने GST लागू करने के लिए 1 जुलाई का लक्ष्य तय किया है। GST लागू होने से केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मूल्य वर्धित कर और अन्य स्थानीय चुंगियां एक ही टैक्स में शामिल हो जाएंगी।
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FAQ के मुताबिक, संज्ञेय अपराध गंभीर श्रेणी के ऐसे अपराधों में शामिल हैं, जिसमें किसी पुलिस अधिकारी को आरोपी को बगैर वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार होता है। ऐसे मामलों में पुलिस किसी अदालत की अनुमति के साथ या अनुमति के बगैर जांच शुरू कर सकती है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड ने 223 पन्नों में FAQ के जवाब दिए हैं।
अगर कोई व्यक्ति 5 करोड़ रुपए से ज्यादा टैक्स चोरी के मामले में दोषी पाया जाता है तो उसे गिरफ्तार करने से पहले उसे लिखित सूचना दी जाएगी। वहीं, गिरफ्तारी के 24 घंटों के अंदर उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा। अगर असंज्ञेय और बेलेबल ऑफेंस के मामले में कोई दोषी पाया गया तो उसे CGST/SGST के डिप्टी/ असिस्टेंट कमिश्नर से बेल मिल सकती है।
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