नई दिल्ली। इनकम टैक्स विभाग टैक्स चोरों को पकड़ने के लिए बड़े आंकड़ों का इस्तेमाल कर रहा है, ऐसे में विभाग ने टैक्सपेयर्स से नोटबंदी के बाद अपने खातों में जमा की गई राशि का ई-सत्यापन करने को कहा है। यदि इसमें किसी तरह का अंतर पाया जाता है तो इस बारे में पूछताछ की जाएगी।
विभाग आठ नवंबर के बाद जमाओं की तुलना के लिए डाटा विश्लेषण का इस्तेमाल कर रहा है। वह इनका मिलान अपने डाटाबेस से कर रहा है, जिससे ऐसे टैक्सपेयर्स की पहचान की जा सके, जिनका नकद लेनदेन उसके टैक्स रिटर्न से मेल नहीं खाता।
- टैक्सपेयर्स को किसी तरह की अवांछित परेशानी से बचाने के लिए विभाग ने अब इस तरह के लेनदेन का ऑनलाइन सत्यापन करने को कहा है।
- इससे टैक्सपेयर्स की अनुपालन लागत घटेगी और उसके संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
- टैक्सपेयर्स की मदद के लिए विभाग ने एक यूजर गाइड जारी की है।
- नकद जमा पर सूचना अब ऑनलाइन सत्यापन के लिए उपलब्ध है।
- यूजर गाइड के अनुसार यह सूचना पैन धारक की ई-फाइलिंग विंडो https://incometaxindiaefiling.gov.in पर उपलब्ध है।
- टैक्सपेयर के खाते में जमा का सत्यापन वेबसाइट के अनुपालन खंड में कैश ट्रांजैक्शन 2016 लिंक का इस्तेमाल कर किया जा सकता है।
- इसमें कहा गया है कि इससे 9 नवंबर से 30 दिसंबर, 2016 के दौरान नकद जमा का ब्योरा आ जाएगा।
- टैक्सपेयर को यह पुष्टि करनी होगी कि बैंक खाता उसके पैन से संबंधित है या नहीं।
- यदि खात पैन से संबंधित नहीं है, तो एक उचित विकल्प का चयन करना होगा और यह सूचना इनकम टैक्स विभाग को चली जाएगी।
- यदि खाता पैनधारक का है लेकिन जमा का मूल्य गलत है तो एक सही प्रविष्टि ऑनलाइन भेजी जा सकती है।
- वेबसाइट पर टैक्सपेयर डिजिटल तरीके से अपनी नकद जमा का स्रोत भी बता सकता है।
- उसे इसके लिए इनकम टैक्स कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी।
- यदि विभाग को किसी अतिरिक्त स्पष्टीकरण की जरूरत होगी तो वह डिजिटल तरीके (ईमेल या एसएमएस) से ही सवाल पूछेगा।
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