petrol, diesel पर केंद्र सरकार के टैक्स संग्रह में आया 300% का उछाल, 6 साल में हुई इतनी वृद्धि
पेट्रोल, डीजल और प्राकृति गैस पर संग्रहित कर का प्रतिशत सरकार के कुल राजस्व में 2014-15 के दौरान 5.4 प्रतिशत था जो चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 12.2 प्रतिशत हो गया है।
नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल (petrol and diesel) पर केंद्र सरकार का टैक्स संग्रह पिछले छह सालों के दौरान 300 प्रतिशत बढ़ा है। सोमवार को लोकसभा में बताया गया कि दोनों ईंधन पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि से टैक्स संग्रह में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने 2014-15 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी से 29,279 करोड़ रुपये और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से 42,881 करोड़ रुपये जुटाये थे। ये मोदी सरकार के कार्यकाल का पहला वर्ष था।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने सोमवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि चालू वित्त वर्ष (2020-21) के पहले दस माह के दौरान पेट्रोल और डीजल पर कुल एक्साइज ड्यूटी संग्रह 2.94 लाख करोड़ रुपये रहा है। प्राकृतिक गैस पर एक्साइज ड्यूटी के साथ केंद्र सरकार ने 2014-15 में कुल संग्रह 74,158 करोड़ रुपये था, जो अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के दौरान बढ़कर 2.95 लाख करोड़ रुपये हो गया।
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ठाकुर ने बताया कि पेट्रोल, डीजल और प्राकृति गैस पर संग्रहित कर का प्रतिशत सरकार के कुल राजस्व में 2014-15 के दौरान 5.4 प्रतिशत था जो चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 12.2 प्रतिशत हो गया है।
2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर थी, जो वर्तमान में बढ़कर 32.90 रुपये प्रति लीटर हो चुकी है। इसी प्रकार डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 31.80 रुपये प्रति लीटर हो गई है। दिल्ली में वर्तमान में 91.17 रुपये प्रति लीटर बिक रहे पेट्रोल की खुदरा कीमत में टैक्स की हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत है। खुदरा कीमत में एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा लगभग 36 प्रतिशत है।
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दिल्ली में 81.47 रुपये लीटर बिक रहे डीजल की खुदरा कीमत में 53 प्रतिशत टैक्स की हिस्सेदारी है। इसमें 39 प्रतिशत अकेले सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी का हिस्सा है। 14 मार्च, 2020 को पेट्रोल और डीजल पर कुल सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी (बेसिक एक्साइज ड्यूटी, सेस और सरचार्ज मिलाकर) में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई थी। इसके बाद 6 मई, 2020 को इसे दोबारा संशोधित किया गया और पेट्रोल पर 10 रुपये लीटर व डीजल पर 13 रुपये लीटर की बढ़ोतरी की गई।
ठाकुर ने कहा कि मौजूदा राजकोषीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य विकास कार्यों पर खर्च के लिए राजस्व जुटाने के लिए एक्साइज ड्यूटी की दरों में परिवर्तन किया जाता है।
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