Great Achievement: टाटा ने बनाया पहला मेड इन इंडिया रोबोट, अगले दो महीने में लॉन्च होगा ‘ब्रावो’
हम जब भी रोबोट की बात करते हैं तो सबसे पहले जापान नाम दिमाग में आता है। लेकिन अब भारत भी रोबोट बनाने वाले देशों लिस्ट में शामिल हो गया है।
नई दिल्ली। हम जब भी रोबोट की बात करते हैं तो सबसे पहले जापान नाम दिमाग में आता है। लेकिन अब भारत भी रोबोट बनाने वाले देशों लिस्ट में शामिल हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षा ‘मेक इन इंडिया’ योजना के अंतर्गत टाटा मोटर्स ने अपना पहला इंडिया मेड रोबोट पेश कर दिया है और अगले दो महीने में लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने देश के पहले इंडस्ट्रियल रोबोट को ‘टाटा ब्रावो’ का नाम दिया गया है। ब्रावो 2 किलो पेलोड की कीमत 3 लाख से शुरू होगी।
टाटा ने बनाया देश का पहला इंडस्ट्रियल रोबोट
टाटा मोटर्स की TAL मैन्युफैक्चरिंग डिविजन के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर अनिल भिरगुर्डे ने डिविजन के चेयरमैन रविकांत और कंपनी के बोर्ड के सामने रोबोटिक वेंचर पर एक प्रेजेंटेशन दी थी। एक प्रोटोटाइप रोबोट ने रविकांत का फूलों के हार के साथ स्वागत किया। इस रोबोट को ‘टाटा ब्रावो’ का नाम दिया गया है, जो देश का पहला इंडस्ट्रियल रोबोट है। इसे दो महीने के अंदर लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है। प्रेजेंटेशन के दौरान अनिल ने बताया था कि इस इस रोबोट की सालाना कुछ सौ यूनिट तैयार की जा सकती हैं। इस पर रविकांत ने कहा था, ‘आप कुछ जीरो लगाना भूल गए हैं, उन्हें खोजें और वापस आएं। ‘ इससे भविष्य में ऑटोमेशन को लेकर टाटा ग्रुप के फोकस का संकेत मिल रहा है।
‘मेक इन इंडिया’ वीक में हुआ पेश
ब्रावो को पहली बार मुंबई में ‘मेक इन इंडिया’ वीक में सार्वजनिक तौर पर पेश किया जा रहा है। इसे छह इंजीनियर्स की एक इन-हाउस टीम ने डिवेलप किया है। इस टीम की अगुवाई अनिल ने की है। इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट 10 करोड़ रुपये है। अनिल ने कहा, ‘यह मेड इन इंडिया, मेड फॉर इंडिया है। इसके पीछे मकसद अफोर्डेबल और कम कॉस्ट वाले सॉल्यूशन के साथ मार्केट में ऑटोमेशन को बढ़ाना है।’रोबोट का डिजाइन TAL में तैयार किया गया है, इसकी स्टाइलिंग टाटा एलेक्सी में की गई है, इसके कुछ पार्ट्स को टाटा ऑटोकॉम्प ने तैयार किया है। वहीं, फाइनेंस टाटा कैपिटल ने उपलब्ध कराया है।
3 से 6 लाख रुपए होगी कीमत
ब्रावो को तीन लाख रुपए (दो किलोग्राम पेलोड) और छह लाख रुपए (10 किलोग्राम पेलोड) के अफोर्डेबल रोबोटिक सॉल्यूशन के साथ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज को टारगेट करना चाहती है। देश की स्मॉल एंटरप्राइजेज 5,000 से अधिक प्रॉडक्ट्स बनाती हैं। इनके लिए उन्हें रोबोट की जरूरत हो सकती है। नौ लाख करोड़ रुपये की एमएसएमई इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में दोगुनी होने का अनुमान है और बड़े साइज और स्केल तक पहुंचने के लिए ऑटोमेशन की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।