नई दिल्ली। टाटा स्टील का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त तिमाही में 54.33 प्रतिशत बढ़कर 1,753.07 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। आय बढ़ने से कंपनी का मुनाफा भी बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 1,135.92 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था।
शेयर बाजारों को दी सूचना में कंपनी ने कहा है कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय बढ़कर 41,431.37 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 33,672.48 करोड़ रुपए थी। तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च बढ़कर 38,362.03 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 30,552.03 करोड़ रुपए था।
टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टी वी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील बेंचमार्क परिचालन, बेहतर बाजार उपस्थिति और ग्राहकों के साथ मजबूत संबंध रखते हुए भारत में अपनी पहुंच बढ़ाने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्पात कीमतों में गिरावट के बावजूद कंपनी भारतीय बाजार में अपनी बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी कर पाई है। नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील बीएसएल का एकीकरण चल रहा है और कंपनी का टाटा स्टील कलिंगनगर का 50 लाख टन सालाना का विस्तार भी पटरी पर है।
एनएचपीसी का मुनाफा 73 प्रतिशत घटा
सार्वजनिक क्षेत्र की पनबिजली उत्पादक एनएचपीसी का एकल शुद्ध लाभ 31 दिसंबर को समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 73.51 प्रतिशत घटकर 182.18 करोड़ रुपए रह गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी में 687.93 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था।
कंपनी ने बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी कुल आय घटकर 1,691.22 करोड़ रुपए रह गई, जो एक साल पहले समान तिमाही में 2,066.11 करोड़ रुपए थी। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 2,138.26 करोड़ रुपए रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,569.23 करोड़ रुपए था। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 10 रुपये अंकित मूल्य के शेयर पर 71 पैसे प्रति इक्विटी शेयर के अंतरिम लाभांश को मंजूरी दी है।
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