नई दिल्ली। टाटा स्टील का कंसालिडेटेड नेट प्रॉफिट 30 सितंबर को समाप्त हुई दूसरी तिमाही में 22 फीसदी बढ़कर 1,528.71 करोड़ रुपए रहा। गाड़ियों और वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स की बेहतर बिक्री और निवेश बिक्री की मदद से कंपनी को मुनाफा हुआ है। मुंबई स्थित कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1,254.33 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ था। लेकिन, कंपनी को ब्रिटेन के कारोबार से 8,699 करोड़ का झटका लगा है।
प्रॉफिट बढ़ा, इनकम घटी
टाटा स्टील ने बंबई शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि दूसरी तिमाही में उसकी कंसालिडेटेड नेट इनकम 18 फीसदी घटकर 29,304.69 करोड़ रुपए रही जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 35,777.11 करोड़ रुपए थी। जहां कंपनी के इंडियन ऑपरेशन्स में उत्पादन और डिलीवरी में अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, वहीं दूसरी ओर, इसके यूरोपीय ऑपरेशन्स खासकर ब्रिटेन ने स्थिति खराब रही। ब्रिटेन में इस्पात का आयात निरंतर बढ़ रहा है और उसकी प्रतिस्पर्धी क्षमता घट रही है।
कंपनी डिलीवरी 9 फीसदी तक बढ़ाने में रही सफल
टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक (भारत और दक्षिण पूर्व एशिया) टी.वी. नरेन्द्रन ने कहा, ग्लोबल कमोडिटी के दामों में नरमी और सीजन की मांग कमजोर रहने के बावजूद हम अपनी डिलीवरी 9 फीसदी तक बढ़ाने में सफल रहे। टाटा स्टील यूरोप के प्रबंध निदेशक और सीईओ कार्ल-अलरिच कोहलर ने कहा, इस साल हमारा ऑपरेटिंग रिजल्ट्स खराब रहा जिससे ग्लोबल इस्पात उद्योग में भारी चुनौतियों का पता चलता है।
कंपनी की इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल रिपोर्ट में ग्रुप के ब्रिटेन के कारोबार के पुनर्गठन और अन्य प्रावधानों पर खर्च को दिखाया गया है, जो कुल 8,669 करोड़ रुपए है। ग्रुप ने टाटा स्टील यूके के स्टील स्ट्रिप और अन्य प्रकार के कारोबार में सम्पत्तियों पर बट्टे के एवज में प्रावधान किए है जो गैर नकदी किस्म के हैं।
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