नई दिल्ली। टाटा स्टील ने लंबे समय से घाटा दे रही अपनी ब्रिटेन की यूनिट बेचने का फैसला किया है। यह फैसला कंपनी की मुंबई में हुई बोर्ड मीटिंग में लिया गया। कंपनी फिलहाल इस बिक्री की संभावनाओं की तलाश करेगी। कंपनी ने बिक्री का कारण निर्माण की कीमत, स्थानीय बाजार में कमजोरी और यूरोप में चीन की कंपनी से लगातार आयात बढ़ने को बताया है।
ब्रिटेन की सबसे बड़ी स्टील मेकर कंपनी टाटा स्टील ने लगातार हो रहे घाटों से उबरने के लिए ब्रिटेन का पूरा कारोबार बेचने या विनिवेश करने का फैसला किया है। मंगलवार रात टाटा स्टील ने अपने बयान में कहा, ‘अपने ब्रिटिश कारोबार की पूरी समीक्षा के बाद टाटा स्टील के बोर्ड ने अपनी यूरोपीय कंपनी ‘टाटा स्टील यूरोप’ के बोर्ड से अपनी हिस्सेदारी को एक मुश्त या टुकड़ों में बेचने को कहा है।’टाटा स्टील यूरोप के सीईओ कार्ल कोहेलर ने पिछले महीने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी ने उनकी जगह चीफ टेक्निकल ऑफिसर हैंस फिशर को अपना नया सीईओ नियुक्त किया था।
टाटा ने अपने यूरोपीय ब्रांच को कह दिया है, या तो टाटा स्टील यूके में मजबूत विनिवेश की उम्मीदों को तलाशें, या फिर दूसरे अन्य विकल्पों के अनुसार इस संदर्भ में फैसला लें। गौरतलब है कि यूरोप में टाटा स्टील में करीब 15000 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। 2007 में टाटा ने यूरोप में कारोबार को फैलाने के लिए एंग्लो डच स्टील मेकर कोरस का अधिग्रहण किया था। तभी से कंपनी लगातार घाटे में जा रही थी।
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