लंदन। टाटा स्टील यूरोप ने अपनी पुनर्गठन योजना पर यूरोपीय वर्क्स काउंसिल (ईडब्ल्यूसी) के साथ विचार विमर्श शुरू कर दिया है। योजना पर अमल से तीन हजार के करीब रोजगार का नुकसान होगा। इनमें से 1,000 राजगार ब्रिटेन में कम होंगे। भारत की इस्पात क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी ने पिछले सप्ताह ही व्यापक बदलाव के अपने कार्यक्रम के तहत रोजगार में कटौती की घोषणा की है। कंपनी ने इसकी वजह वैश्विक मोर्चे पर इस्पात उद्योग के समक्ष लगातार जारी चुनौतियों के चलते उसे हो रहे नुकसान को बताया है।
कंपनी ने बुधवार को जारी वक्तव्य में कहा है, 'व्यापक प्रस्ताव जो किया गया है उसके तहत टाटा स्टील यूरोप रोजगार की लागत को कम करना चाहती है।' इसमें कहा गया है, 'कार्यक्रम पर अमल होने से 3,000 के करीब कर्मचारियों की संख्या में कमी आ सकती है। इनमें से दो तिहाई कटौतियां प्रबंधन और कार्यालय आधारित कर्मियों में होंगी। इसके अलावा 1,600 के करीब नौकरियां नीदरलैंड, 1,000 ब्रिटेन में और 350 नौकरियां दुनिया में अन्य जगहों पर जा सकतीं हैं।'
टाटा स्टील ने कहा है कि उसका इरादा वित्तीय रूप से मजबूत और वहनीय यूरोपीय कारोबार बनाना है। ऐसा कारोबार जो कि नवोन्मेष को बढ़ाने और कंपनी को कार्बनरहित इस्पात विनिर्माता बनाने की दिशा में जरूरी निवेश करने में सक्षम हो।
टाटा स्टील यूरोप के सीईओ हेनरिक एडाम ने कहा, 'इस व्यवसाय में हर किसी के समर्पण भाव को देखकर मुझे काफी गर्व होता है। कठिन परिस्थितियों में भी हर कोई सफल होने के लिये प्रतिबद्ध दिखाई देता है। मैं इन प्रस्तावों को लेकर सहयोगियों की चिंताओं को समझता हूं।'
उन्होंने कहा, 'बदलाव से अनिश्चितता पैदा होती है, लेकिन हम रुके नहीं रह सकते हैं, हमारे ईद गिर्द पूरी दुनिया तेजी से बदल रही है और हमें इसके साथ चलना होगा। हमारी रणनीति एक मजबूत और निरंतर टिकाऊ बने रहने वाले यूरोपीय व्यावसाय को खड़ा करने की है जो कि भविष्य की सफलता के लिये जरूरी निवेश करने में सक्षम हो।'
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