न्यूयार्क। देश विदेश में 100 से ज्यादा कंपनियों को चलाने वाला टाटा ग्रुप अपनी कुछ कंपनियों को बेच सकता है। ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने अंग्रेजी मैगजीन फॉर्च्यून को दिए इंटरव्यू में इसके संकेत दिए हैं। चंद्रशेखरन ने कहा है कि वह किसी कंपनी के करोबार से सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए बाहर नहीं होंगे बल्कि तभी बाहर होंगे जब यह निश्चित हो जाएगा कि कंपनी से कमाई होना बंद हो गई है।
चंद्रशेखरन ने बताया कि टाटा ग्रुप पहले से ही 100 अरब डॉलर की वेल्युएशन को पार कर चुका है, आगे बढ़ने के लिए हमें कुछ पैमाने निर्धारित करने होंगे। अलग-अलग छोटी कंपनियों के सहारे ग्रुप आगे नहीं बढ़ सकता बल्कि हमें उच्च स्तर की कंपनियां चाहिए होंगी। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर कंपनी अपने सेक्टर में नंबर वन या नंबर टू हो लेकिन कंपनी को उच्च स्तर की तो होना ही पड़ेगा। मैगजीन ने बताया कि चंद्रशेखरन कंपनियों को बेचने से इंकार नहीं किया है।
फॉर्च्यून को दिए इंटरव्यू में चंद्रशेखरन ने बताया कि वह टाटा ग्रुप की हर कंपनी की परफॉरमेंस को चेक करेंगे, कंपनी की ग्रोथ रेट, उससे होने वाले फायदे और उसमें किए गए निवेश से मिलने वाले रिटर्न को देखा जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि अगर आप फिट नहीं हैं तो आप परफार्म नहीं कर सकते, 6 मील की रेस दौड़ने के लिए आपको अपना वजन घटाना जरूरी है।
टाटा की छोटी कार नैनो के प्रोजेक्ट को बंद करने के सवाल पर चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा मोटर के पास दूसरी कई प्राथमिकताएं हैं। उन्होंने कहा कि पैसेंजर कार बिक्री काफी छोटी है और उसमें भी नैनो का बहुत छोटा रोल है, उन्हें नहीं लगता कि टाटा मोटर्स की टीम नैनो के प्लांट को बंद करने का फैसला लेगी।
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के परिवार से टाटा सन्स के रिश्तों पर पूछे गए सवाल पर एन चंद्रशेखरन ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बात नहीं कर सकते क्योंकि मामला अभी कोर्ट में है।
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