नई दिल्ली। टाटा मोटर्स अपनी फाइनेंस इकाई टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड की हिस्सेदारी बेचने को तैयार है पर वह कंपनी को अपने नियंत्रण में ही रखना चाहेगी। कंपनी के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2020 तक इसके द्वारा प्रबंधित संपत्ति 50 हजार करोड़ रुपए को पार कर जाएगी। हालांकि, टाटा मोटर्स इस वित्तीय कंपनी पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहेगी क्योंकि यह भविष्य में उसकी वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
टाटा मोटर्स ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी पीबी बालाजी ने विश्लेषकों से कहा कि निश्चित इस बारे में हम स्पष्ट हैं कि हम निवेश जारी रखेंगे। जहां तक टाटा मोटर्स फाइनेंस का सवाल है, हम इसपर अपना नियंत्रण बनाये रखेंगे। लेकिन नीयत यह नहीं है कि हम 100 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास ही रखें।
उन्होंने कहा कि कंपनी काफी मजबूत पुनर्सुधार की उम्मीद करती है। प्रबंधित संपत्ति के वित्त वर्ष 2016-17 के 22,517 करोड़ रुपये से 24 प्रतिशत बढ़कर 2017-18 में 27,932 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है।
बालाजी ने कहा कि संभवत: सबसे खुशी की बात है कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) 2016-17 के 18 प्रतिशत से कम होकर 2017-18 में चार प्रतिशत पर आ गई है। टाटा मोटर्स फाइनेंस लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सम्राट गुप्ता ने रणनीतिक लक्ष्यों को स्पष्ट करते हुए कहा कि कंपनी का लक्ष्य 2020 तक 50 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति प्रबंधित करने वाली कंपनी बनने का है। विस्तार योजना के तहत कंपनी का लक्ष्य शाखाओं की संख्या मौजूदा 270 से बढ़ाकर 2020 तक 500 पर पहुंचाने की है।
बालाजी ने कहा कि टाटा मोटर्स टाटा टेक्नोलॉजीज और टाटा हिताची के साथ ही टाटा स्टील जैसी अन्य कंपनियों में भी छोटी हिस्सेदारीयां बेच रही हैं। उन्होंने कहा कि हम अपना स्पेन कारोबार (टाटा हिस्पानो) बंद कर रहे हैं। सिंगापुर में टाटा प्रीसिजन को पहले ही बंद किया जा चुका है।
Latest Business News