नई दिल्ली। भारत का दिग्गज औद्योगिक घराना टाटा संस संकटग्रस्त जेट एयरवेज में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी खरीदने के लिए सक्रियता से बातचीत कर रहा है। इस मामले से सीधे जुड़े चार सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। टाटा संस की जेट एयरवेज को खरीदने में बहुत रुचि है लेकिन अभी तक बातचीत किसी अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंची है।
टाटा संस ने इन खबरों पर कहा कि वह अनुमानों पर कोई बयान नहीं देना चाहता, जबकि जेट ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। एक सूत्र ने बताया कि एक संभावित सौदे के तहत टाटा संस, जेट की पूरी कंपनी के बजाये उसकी संपत्तियों का अधिग्रहण कर सकता है, जिसमें जहाज, लीज, पायलेट और स्लॉट शामिल हैं।
टाटा पहले ही देश में दो एयरलाइन कंपनियों का संचालन कर रही है। पूर्ण सेवा प्रदाता विस्तारा का संचालन सिंगापुर एयरलाइंस लिमिटेड के साथ संयुक्त उपक्रम में और एयरएशिया का संचालन एयरएशिया ग्रुप के साथ संयुक्त उपक्रम में किया जा रहा है। बढ़ती तेल कीमतों, कमजोर रुपए, सस्ते टिकट और प्रतिस्पर्धा के बीच यह बातचीत चल रही है।
भारत दुनिया का सबसे तेजी से विकसित होता एविएशन बाजार है। यहां हर साल यात्रियों की संख्या में 20 प्रतिशत का इजाफा हो रहा है। जेट एयरवेज की स्थापना नरेश गोयल ने की थी। जेट एयरवेज इस समय नकदी संकट से जूझ रही है इसके पास कर्ज का भुगतान करने, एयरक्राफ्ट का किराया चुकाने और कर्मचारियों को वेतन देने तक के लिए पैसे नहीं हैं। इस साल जेट एयरवेज के शेयर अब तक 70 प्रतिशत तक टूट चुके हैं।
जेट एयरवेज ने सोमवार को कहा था कि वह कम लाभ वाले रूट पर उड़ानों की संख्या घटाएगी और अधिक आकर्षक बाजार में अपनी क्षमता बढ़ाएगी। जेट एयरवेट को लगातार तीसरी तिमाही में घाटे का सामना करना पड़ा है। जेट एयरवेज में नरेश गोयल की अभी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 24 प्रतिशत हिस्सेदारी एतिहाद एयरवेज के पास है।
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