नई दिल्ली। टाटा ग्रुप ऑनलाइन ग्रोसर बिगबास्केट में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने के लिए गंभीरता से बातचीत कर रहा है। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि यदि यह बातचीत सफल होती है तो टाटा ग्रुप बिगबास्केट के मौजूदा निवेशकों को 50 से 70 करोड़ डॉलर का नगद भुगतान कर सकता है। बिग बास्केट के मौजूदा निवेशकों में कई प्राइवेट इक्विटी फंड और चीन का अलीबाबा ग्रुप शामिल हैं। अलीबाबा बिगबास्केट में सबसे बड़ा निवेशक है। सूत्रों ने बताया कि बातचीत अभी शुरुआती स्तर पर है।
हालांकि बिगबास्केट के मौजूदा निवेशक टाटा ग्रुप को नियंत्रणकारी हिस्सेदारी बेचने के पक्ष में नहीं हैं। वह चाहते हैं कि संस्थापकों के नेतृत्व में मौजूदा प्रबंधन ही कंपनी को संभाले। निवेशक टाटा ग्रुप को बोर्ड में शामिल करने के बजाये यह चाहते हैं कि बिगबास्केट अगले साल आईपीओ लेकर आए। टाटा ग्रुप के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। यदि यह सौदा होता है तो टाटा ग्रुप भारत में ऑनलाइन ग्रोसरी मार्केट में सीधे तीन बड़े खिलाडि़यों रिलायंस इंडस्ट्रीज,वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट और अमेजन को कड़ी टक्कर देने की स्थिति में होगा।
बिगबास्केट भी विस्तार के लिए 20 करोड़ डॉलर की राशि जुटाने की योजना बना रही है। ऐसे में टाटा ग्रुप इस सौदे के जरिये भारत के तेजी से विकसित होते ई-कॉमर्स मार्केट में अधिक से अधिक नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है। टाटा ग्रुप के साथ ही प्राइवेट इक्विटी फंड्स टेमासेक और जनरेशन इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट भी बिगबास्केट में निवेश करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।
ऑनलाइन ग्रोसरी मार्केट का आकार वर्तमान में 2 अरब डॉलर है। रेडसीर की सितंबर में जारी रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन ग्रोसरी मार्केट 2019 के 1.9 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 के अंत तक 3 अरब डॉलर होने का अनुमान है। ऑनलाइन ग्रोसरी मार्केट में बिगबास्केट की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। 18,000 से अधिक प्रोडक्ट और 1,000 से अधिक ब्रांड्स के साथ बिगबास्केट भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन फूड और ग्रोसरी कंपनी है।
इससे पहले अगस्त में खबर आई थी कि टाटा ग्रुप एक सुपर एप बनाने पर काम कर रहा है। इस एप पर फूड और ग्रोसरी ऑर्डरिंग से लेकर फैशन, लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंश्योरेंस, फाइनेंशियल सर्विसेस, एजुकेशन, हेल्थकेयर और बिल पेमेंट्स जैसी तमाम सुविधाएं मिलेंगी।
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