नई दिल्ली। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अगले 2 वर्षो में 2 अरब डॉलर मूल्य के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है और ऑफसेट नियम इसमें मददगार होंगे। ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफक्च र्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एयरोस्पेस और रक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि लक्ष्य हासिल करना बहुत कठिन नहीं है।
पर्रिकर ने कहा, “मैं समझता हूं कि निर्यात प्रोत्साहन का परिणाम मिल रहा है। यह 35 करोड़ डॉलर तक पहुंच चुका है, जो करीब दोगुना है।” उन्होंने कहा, “आने वाले वर्षो के लिए मैंने अपना लक्ष्य खुद तय किया है। अगले दो वर्षो में 2 अरब डॉलर के रक्षा निर्यात का लक्ष्य है। यह असंभव नहीं है, क्योंकि ऑफसेट व्यवस्था के जरिए निर्यात और विशेषज्ञता, दोनों यहां आ सकते हैं।”
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रक्षामंत्री ने कहा कि अगले 2 वर्षो में 2 अरब डॉलर मूल्य के ऑफसेट दायित्व पूरे होने हैं। मेक इन इंडिया के बारे में पर्रिकर ने कहा, “हम जो कर रहे हैं, उसके अलावा लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर निर्माण परियोजना का काम अगले एक साल में शुरू होगा।”
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्यात की इच्छा जाहिर करते हुए पर्रिकर ने कहा कि तेजस पर चर्चा के लिए उन्होंने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारतीय वायुसेना को वार्ता की मेज पर आमने-सामने बैठाया था, जिसके बाद वायुसेना ने 120 हल्के लड़ाकू विमान खरीदने का इरादा जाहिर किया था। उन्होंने कहा कि न केवल वायुसेना को देने के लिए, बल्कि तेजस के निर्यात के लिए भी इसकी उत्पादन प्रक्रिया में दो तरह के सुधारों की जरूरत है।
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