नयी दिल्ली। नैनो यूरिया की सफल पेशकश के बाद केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को इफ्को और अन्य उर्वरक विनिर्माताओं को नैनो डीएपी (डाय-अमोनियम फास्फेट) का वाणिज्यिक उत्पादन एक साल के भीतर शुरू करने का निर्देश दिया। इससे देश की आयात निर्भरता को कम किया जा सकेगा। एक सरकारी सूत्र के अनुसार, मंत्री द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में, इस अपेक्षा के बारे में इफ्को सहित अन्य उर्वरक विनिर्माताओं को बताया गया। इस साल की शुरुआत में इन विनिर्माताओं ने तरल रूप में नैनो यूरिया पेश किया था और अब वे नैनो डीएपी के लिए भी परीक्षण कर रहे हैं।
बैठक में मंत्री ने 2,000 खेतों में 24 फसलों पर अग्रणी उर्वरक सहकारी संस्था, इफ्को द्वारा किए जा रहे नैनो डीएपी के खेत परीक्षण के मामले में अब तक की प्रगति की समीक्षा की। इफ्को के अधिकारियों ने बैठक में बताया कि खेत परीक्षण के परिणाम अब तक उत्साहजनक हैं, क्योंकि फसल की जड़ें बेहतर विकसित हुई हैं। नैनो यूरिया के व्यावसायिक उत्पादन की सफल शुरुआत के बाद सरकार नैनो डीएपी की पेशकश पर ध्यान केंद्रित कर रही है। भारत व्यावसायिक रूप से नैनो यूरिया का उत्पादन करने वाला पहला देश है।
बैठक में, मंडाविया ने जोर देकर कहा कि देश को इस दूसरे सबसे अधिक खपत वाले उर्वरक के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नैनो डीएपी को समयबद्ध तरीके से विकसित करने की जरूरत है। सूत्र ने कहा कि मंत्री ने अपने विभाग के अधिकारियों को इस नए उत्पाद की जल्द मंजूरी के लिए कदम उठाने और एक साल के भीतर वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने का निर्देश दिया। बैठक में रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री भगवंत खुबा, उर्वरक सचिव आरके चतुर्वेदी, इफ्को, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड और राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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