चेन्नई। पेट्रोल और डीजल कीमतों के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बीच तमिलनाडु सरकार ने इन पर मूल्य वर्द्धित कर (VAT) में कटौती नहीं करने के संकेत दिए हैं। सरकार का कहना है कि यह राज्य सरकार के स्वयं के कर राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है।
राज्य के मत्स्य मंत्री डी जयकुमार ने कहा कि राज्य सरकार विविध श्रेणियों में लोगों को लाभ एवं सुविधाएं देने पर 77,000 करोड़ रुपये व्यय करती है। इसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों का वेतन भी शामिल है और यह उसके कुल व्यय का करीब 70% है। जब हमें इन सबका भुगतान करना है तो इसके लिए पैसा कहां से आएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खुद की आय के दो मुख्य स्रोत पेट्रोलियम उत्पाद और आबकारी उत्पादों पर लगने वाला कर है। जयकुमार ने यह बात राज्य सरकार के ईंधन पर वैट घटाने की संभावना के एक प्रश्न के उत्तर में कही। उल्लेखनीय है कि कल ईंधन की दरें अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं थी और चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 79.47 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 71.59 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गयी।
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