एयरलाइंस पर रद्द टिकट का रिफंड न करने का आरोप, एजेंट्स की सरकार से हस्तक्षेप की मांग
लॉकडाउन और कोरोना संकट की वजह से कई उडानों को रद्द किया गया था।
नई दिल्ली। टिकट बुकिंग करने वाले एजेंटों का संगठन टीएएआई ने मंगलवार को आरोप लगाया कि इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानि आईएटीए की ज्यादातर सदस्य एयरलाइन ने एजेंट के लिये वैश्विक वितरण सेवा प्रणाली पर रिफंड व्यवस्था बंद कर दी है। संगठन ने नागर विमानन मंत्रालय से विमानन कंपिनयों को रद्द की गयी उड़ानों के टिकट का पैसा ग्राहकों को वापस करने के बारे में निर्देश देने का आग्रह किया है। घरेलू विमानन कंपनियों से ज्यादातर एयरलाइन ने उन ग्राहकों का पैसा वापस करने से इनकार कर दिया है जिनकी उड़ानें ‘लॉकडाउन’ के कारण या फिर विभिन्न देशों द्वारा वीजा और यात्रा पाबंदी के कारण रद्द हुई हैं। इसमें वे ग्राहक भी शामिल हैं जिन्होंने महामारी की चिंता में स्वयं टिकट रद्द कराया। एयरलाइन ग्राहकों को यात्रा वाउचर लेने को मजबूर कर रही हैं। कुछ मामलों में इन वाउचर की वैधता एक साल है। इतना ही नहीं सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया को छोड़कर घरेलू विमानन कंपनियों ने 15 अप्रैल के बाद टिकट बुकिंग शुरू कर दी है। तीन सप्ताह का लॉकडाउन 14 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा।
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) के उपाध्यक्ष जय भाटिया ने एक बयान में कहा कि दुनिया भर में सरकारों द्वारा यात्रा पाबंदी के कारण यात्री एजेंट के जरिये किये गये टिकट रद्द करना चाहते हैं और उसका पैसा वापस चाह रहे हैं। पर विमानन कंपनियां पैसा वापस नहीं कर रही। संगठन ने नागर विमानन मंत्रालय से विमानन कंपिनयों को रद्द किये गये उड़ानों के टिकट का पैसा ग्राहकों को वापस करने के बारे में निर्देश देने का आग्रह किया है।