पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी में शामिल करने से भड़क सकती हैं कीमतें, राज्य बढ़ा सकते हैं टैक्स: मोदी
पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लागू होने के बाद कीमतें घटने का इंतजार कर रहे आम लोगों को झटका लगा है।
नई दिल्ली। पेट्रोलियम उत्पादों पर जीएसटी लागू होने के बाद कीमतें घटने का इंतजार कर रहे आम लोगों को झटका लगा है। माना जा रहा है कि जीएसटी लागू होने के बाद पेट्रोल की कीमत और भी बढ़ सकती हैं। बिहार के उप मुख्यमंत्री और गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल के सदस्य सुशील मोदी के मुताबिक पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी व्यवस्था के तहत लाने के बाद भी राज्य सरकारें जीएसटी स्लैब के ऊपर इन उत्पादों पर टैक्स लगाने के लिए आजाद होंगी। ऐसे में कीमतें मौजूदा स्तर से अधिक भी हो सकती हैं।
मोदी ने कहा, मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जिन देशों में पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत रखा गया है वहां ये टैक्स की ऊंची दरों वाले स्लैब में आते हैं और केंद्र और राज्य इनपर जीएसटी की दरों के ऊपर टैक्स लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। दुनिया में हर जगह ऐसा ही है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सालाना आम बैठक में यहां पहुंचे बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मोदी ने कहा, 'लोगों को लगता है कि अगर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत लाया जाएगा तो इन पर अधिकतम टैक्स 28 फीसदी होगा। लेकिन चूंकि राज्य और केंद्र को 40 फीसदी राजस्व पेट्रोलियम पदार्थों से प्राप्त होता है इसलिए उनके पास जीएसटी के ऊपर इन उत्पादों पर टैक्स लगाने की स्वतंत्रता होगी।
उन्होंने बताया कि जीएसटी परिषद आगामी दिनों में बिजली, रियल स्टेट और पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने के मसले पर विचार कर रही है। मोदी ने कहा कि जीएसटी परिषद की ओर से फैसला लेने पर पेट्रोलियम उत्पाद बगैर किसी संवैधानिक संशोधन के जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे। जीएसटी के दायरे में आने पर पेट्रोलियम उत्पादों से राजस्व में कोई कमी नहीं आएगी। मोदी का कहना था कि पेट्रोलियम उत्पादों के जीएसटी के दायरे में आने से उद्योगों के साथ-साथ आम लोगों को फायदा मिलेगा।