मुंबई। प्रस्तावित मुंबई-नागपुर तीव्र गति के रेल गलियारे के लिये सुदूर संवेदी प्रौद्योगिकी लाइट डिटेक्शन एंड रेंजिंग (लीडार) सर्वे शुक्रवार को शुरू हुआ। प्रस्तावित 736 किलोमीटर बुलेट ट्रेन परियोजना शाहपुर, इगतपुरी, नासिक, मेहकार, मालेगांव, वर्धा और खापरी को जोड़ेगी। इस सर्वे में लीडार प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है जिसमें आंकड़े 3-4 महीनेमें उपलब्ध हो जाते हैं जबकि परंपरागत तकनीक में 10 से 12 महीने का समय लगता है।
लीडार सर्वे में विमान में लीडार और इमेजरी सेंसर का उपयोग कर जमीन के सर्वे से जुड़े आंकड़े एकत्रित किये जाते हैं। इस तकनीक के जरिये सर्वे में ढांचा, पेड़ और अन्य चीजों की स्पष्ट तस्वीर को लेकर 100 मेगापिक्सल कैमरे का उपयोग किया जाता है। एनएचएसआरसीएल (नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लि.) को सात तीव्र गति के रेल गलियारों के लिये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गयी है।
जुलाई से पहले बुलेट ट्रेन से तिब्बत को जोड़ेगा चीन
चीन इस साल जुलाई से पहले अरूणाचल प्रदेश से लगने वाली भारतीय सीमा के नजदीक तिब्बत तक बुलेट ट्रेनों का संचालन करेगा, जो सभी प्रांतों तक हाई-स्पीड ट्रेन सेवाओं की एक शुरूआत है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी । चीन की सरकारी रेलवे ग्रुप कंपनी लिमिटेड के बोर्ड के अध्यक्ष लू डोंगफू ने सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ से कहा कि 435 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग पर आंतरिक दहन और बिजली से चलने वाली हाई-स्पीड फक्सिंग ट्रेन चलायी जाएगी। प्रांतीय राजधानी ल्हासा और पूर्वी तिब्बत के निंगची के बीच रेलवे लाइन का निर्माण 2014 में शुरू हो गया था । यह तिब्बत का पहला ऐसा रेल मार्ग है जहां बिजली से ट्रेन चलेगी और इस पर मार्ग पर जून 2021 में परिचालन शुरू होना है। खबर में कहा गया है कि रेल पटरी बिछाने का काम 2020 में पूरा हो चुका है । लू ने कहा कि चीन का लक्ष्य 2025 तक हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क 50 हजार किलोमीटर तक करने का है । हाई स्पीड ट्रेन का नेटवर्क 2020 के अंत तक 37,900 किलोमीटर था । उन्होंने बताया कि चीन में निर्मित फक्सिंग ट्रेनों की गति प्रति घंटा अब बढ़कर 160 किलोमीटर से 350 किलोमीटर के बीच पहुंच गयी है।
Latest Business News