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Hindi News पैसा बिज़नेस संभालकर रखें बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 के नोट, जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की है उम्‍मीद

संभालकर रखें बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 के नोट, जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की है उम्‍मीद

सुप्रीम कोर्ट जुलाई में इस बात पर फैसला देगा कि बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 रुपए के नोटों को बदलवाने का मौका नागरिकों को मिलना चाहिए कि नहीं।

Last Hope : संभालकर रखें बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 के नोट, जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की है उम्‍मीद- India TV Paisa Last Hope : संभालकर रखें बंद हो चुके पुराने 500 और 1000 के नोट, जुलाई में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की है उम्‍मीद

नई दिल्‍ली। अगर आपके पास चलन से बाहर हो चुके नोट अब भी बचे हैं तो आपके लिए उम्‍मीद की एक किरण अब भी शेष है। वैसे भी इसका अब कोई इस्‍तेमाल नहीं रह गया है लेकिन आपको 1000 और 500 रुपए के पुराने नोट कम से कम जुलाई तक संभालकर रखने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में कुछ राहत मिलने की उम्‍मीद की जा रही है।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट जुलाई में यह तय करेगा कि जो लोग उचित कारणों से या 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातों पर भरोसा करते हुए 30 दिसंबर 2016 तक पुराने नोट नहीं बदलवा सके, क्या उनके लिए सरकार को एक और मौका दिए जाने को कहा जाना चाहिए या नहीं। प्रधानमंत्री ने 8 नवंबर के भाषण में चलन से बाहर किए गए नोट 30 दिसंबर के बाद भी जमा कराने का मौका दिए जाने की बात कही थी।

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अटॉर्नी जनरल ने कहा नोट बदलवाने की मियाद बढ़ाने की बाध्‍यता नहीं है

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर लाए गए अध्यादेश में समय-सीमा बढ़ाकर नागरिकों को नोट जमा कराने का एक और मौका दिए जाने की कोई बाध्यता नहीं है। जैसा कि आप जानते हैं, अध्यादेश के अनुसार चलन से बाहर हुए नोटों को रखना अपराध माना गया है।

कई याचिकाकर्ताओं ने 30 दिसंबर से पहले नोट जमा नहीं करा पाने की विभिन्न कारण गिनाए हैं। उनके वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की कि केंद्र सरकार ने इन मामलों में एक सामान्य सा शपथ पत्र दायर किया है। रोहतगी ने कहा कि सरकार का मानना है कि अब बंद हो चुके नोटों को जमा कराने का कोई दूसरा मौका नहीं दिया जाएगा। केंद्र के शपथ पत्र में एक मामले का जिक्र है जिसमें याचिकाकर्ता ने 66.80 लाख रुपए मूल्य के पुराने नोट जमा कराने की मांग की है और कहा कि वह इसलिए नोट जमा नहीं करा सका क्योंकि उसका बैंक अकाउंट KYC से जुड़ा नहीं था।

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टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल ने पुराने नोटों को रद्दी होते देखने की पीड़ा से राहत पाने के व्यक्तिगत प्रयासों में दिलचस्पी लेने से इनकार कर दिया। इन्होंने कहा कि हम यह फैसला करेंगे कि क्या एक और मौका मिलेगा या नहीं। अगर हां, तो सभी को फायदा होगा। रोहतगी ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट पुराने नोट बदलवाने का सीमित मौका देने का फैसला भी करता है तो यह सरकार ही तय करेगी कि 30 दिसंबर तक नोट जमा नहीं करवा पाने का किसका कारण उचित है और किसका अनुचित।

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