मुकेश अंबानी को लगा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने फ्यूचर रिटेल विवाद में Amazon के पक्ष में सुनाया फैसला
अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने इमर्जेंसी आर्बिट्रेटर सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के फैसले को उचित बताया है।
नई दिल्ली। भारत की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को फ्यूचर रिटेल और अमेजन के बीच चल रहे विवाद पर बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने अमेजन (Amazon) के पक्ष में फैसला दिया है। इस फैसले से मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप के बीच हुए 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को बड़ा झटका लगा है। अमेजन ने इस सौदे को विभिन्न अदालतों में चुनौती दी थी। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कहा कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के रिलायंस रिटेल के साथ 24,731 करोड़ रुपये के विलय सौदे पर रोक लगाने का सिंगापुर के आपात निर्णायक का फैसला भारतीय कानूनों के तहत वैध एवं लागू करने योग्य है।
न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने इस वृहद सवाल पर गौर किया और फैसला दिया कि किसी विदेशी कंपनी के आपात निर्णायक (ईए) का फैसला भारतीय मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत लागू करने योग्य है बावजूद इसके कि ईए शब्द का प्रयोग यहां मध्यस्थता कानूनों में नहीं किया गया है। पीठ ने कहा कि ईए का आदेश धारा 17 (1) के तहत आने वाला आदेश है और इसे मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत लागू करने योग्य है। अमेजन डॉट कॉम एनवी इंवेस्टमेंट होल्डिंग्स एलएलसी और एफआरएल के बीच इस सौदे को लेकर विवाद था और अमेरिका स्थित कंपनी ने शीर्ष अदालत से अनुरोध किया था कि ईए का फैसला वैध एवं लागू करने योग्य बताया जाए।
अपने फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने इमर्जेंसी आर्बिट्रेटर सिंगापुर इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर (एसआईएसी) के फैसले को उचित बताया है। एसआईएसी ने अपने फैसले में आर्बिट्रेशन एंड कंसीलेशन एक्ट की धारा 17(1) के तहत इस सौदे पर रोक लगाई थी। एसआईएसी ने अक्टूबर 2020 में रिलायंस रिटेल और फ्यूचर ग्रुप को प्रस्तावित सौदे पर आगे बढ़ने से रोक दिया था और अंतिम फैसला सुनाने के लिए एक तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था, जिसका फैसला आना अभी बाकी है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला रिलायंस रिटेल द्वारा फ्यूचर ग्रुप के रिटेल, थोक, लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग कारोबार का अधिग्रहण करने की घोषणा के लगभग एक साल बाद आया है। रिलायंस रिटेल ने इस सौदे की घोषणा अगस्त 2020 में की थी। दिसंबर 2019 में अमेजन ने फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर इकाई फ्यूचर कूपंस में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। अमेजन ने इस सौदे का विरोध यह कहते हुए किया कि यह फ्यूचर ग्रुप के साथ उसके समझौते के खिलाफ है।
ई-कॉमर्स कंपनी ने इस सौदे को आर्बिट्रेशन कोर्ट के साथ ही साथ दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी थी। अमेजन का आरोप है कि फ्यूचर रिटेल ने प्रतिस्पर्धी रिलायंस रिटेल के साथ सौदा कर अपने समझौते को तोड़ा है।
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