नई दिल्ली। उपहार सिनेमा अग्निकांड में दोषी बिल्डर गोपाल अंसल को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने अंसल की पुनर्विचार याचिका को खारीज दर दी है। कोर्ट ने अंसल को उपहार सिनेमा केस में एक साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, कोर्ट ने असंल को 20 मार्च तक सरेंडर करने की मोहलत दी है। पहले उन्हें 9 मार्च तक सरेंडर करना था। गौरतलब है कि उपहार सिनेमाहॉल में 13 जून 1997 को हिंदी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान आग लगने की वजह से 59 लोगों की मौत हो गई थी।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा, गोपाल अंसल की याचिका खारिज की जाती है।
- न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने नौ फरवरी को बहुमत के फैसले में उम्र संबंधी जटिलताओं को देखते हुए 76 वर्षीय सुशील अंसल को राहत दे दी थी।
- कोर्ट ने उनकी सजा जेल में बिताई गई अवधि तक सीमित कर दी थी जबकि गोपाल अंसल को बाकी बची सजा काटने के लिए चार हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का निर्देश दिया था।
- इसके बाद गोपाल अंसल ने कोर्ट में याचिका दायर कर समानता के आधार पर फैसले में सुधार का अनुरोध किया था।
- उन्होंने कहा कि वह 69 साल के हैं और उन्हें जेल भेजा गया तो उनके स्वास्थ्य की अपूर्णीय क्षति होगी।
पीठ के याचिका खारिज करने के बाद गोपाल अंसल की तरफ से पेश वरिष्ठ वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कोर्ट को बताया कि नौ फरवरी के आदेश के मुताबिक गोपाल को चार हफ्तों के अंदर जेल की बची हुई सजा काटने के लिए आत्मसमर्पण करना था। यह अवधि आज खत्म हो रही है। जेठमलानी ने पीठ से अनुरोध किया कि गोपाल अंसल को आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ वक्त दिया जाए।
पीठ ने कहा, गोपाल अंसल सजा की बाकी अवधि को पूरा करने के लिए 20 मार्च को समर्पण करेंगे।
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