नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 30 साल पुराने उत्पाद शुल्क चोरी मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के खिलाफ मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में गुजरात उच्च न्यायालय के अक्टूबर 2015 के आदेश को खारिज कर दिया। इसमें RIL को इस मामले से बरी करते हुए कहा गया था, चूंकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियम-1944 को 1994 में बिना कोई अन्य प्रावधान बताए समाप्त कर दिया गया, इसलिए मुकदमे की प्रक्रिया को जारी नहीं रखा जा सकता।
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न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के खिलाफ शुल्क अपवंचना का मामला है। इसमें मुख्य तत्व अपवंचना है। किसी प्रक्रियागत नियम को हटाने से यह आरोप समाप्त नहीं हो जाता है। अभियोजन को अपवंचना को साबित करने के वंचित नहीं रखा जाना चाहिए।
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सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा सिर्फ एक नियम को समाप्त करने के आधार पर आरोप को खारिज करना उचित नहीं है। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए निचली अदालत के मार्च 2013 के उस आदेश को बहाल कर दिया जिसमें RIL के खिलाफ आरोप निर्धारित करने का निर्देश दिया गया था।
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