नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को व्हाट्सएप भुगतान सेवा (WhatsApp Payments) के अनुपालन मामले में रिपोर्ट दाखिल करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। आरबीआई (RBI) को व्हाट्सएप की भुगतान सेवा के मामले में रिपोर्ट दाखिल करना होगा कि क्या व्हाट्सएप ने नियमों का पालन किया है।
आरबीआई के मानकों का पालन किया : व्हाट्सएप
व्हाट्सएप की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्हाट्सएप ने आरबीआई के डाटा लोकलाइजेशन मानकों का पालन किया है और वह इसकी रिपोर्ट आरबीआई के पास सौंपेगी जिसके लिए कुछ समय की आवश्यकता है।
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब एक सप्ताह पहले ही व्हाट्सएप के ग्लोबल हेड विल काचार्ट ने कहा था कि कंपनी ग्राहकों का डाटा स्थानीय स्तर पर सुरक्षित रखने के नियमों का पालन करेगी और वह अपने 40 करोड़ ग्राहकों के लिए पेंमेंट सेवा शुरू करने को लेकर काफी उत्सुक है।
आपको बता दें कि नॉन प्राफिट ऑर्गेनाइजेशन सेंटर फॉर अकाउंटिबिलिटी एंड सिस्टेमेटिक चेंज (सीएएससी) ने स्थानीय अधिकारी की नियुक्ति के बगैर व्हाट्स की ओर से डाटा लोकलाइजेशन के मानकों का पालन करने के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कई विवादों में घिरी है व्हाट्सएप की पेमेंट सेवा
व्हाट्सएप की पेमेंट सेवा की योजना डाटा स्टोरेज प्रैक्टिस और ऑथेंटिकेशन को लेकर भारत में कई विवादों में घिर चुकी है। इसके प्रतिद्वंदियों ने आरोप लगाया है कि व्हाट्सएप के पेमेंट प्लेटफॉर्म में उपभोक्ताओं के लिए कई सिक्योरिटी रिस्क हैं और यह नियमों का भी पालन नहीं कर रहा है।
पिछले साल अक्टूबर में व्हाट्सएप ने सफाई देते हुए कहा था कि, उसने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशों के अनुसार पेमेंट संबंधित डाटा को देश में ही स्टोर करने के लिए सिस्टम विकसित किया है।
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