लॉकडाउन: 2 महीने में चीनी बिक्री 10 लाख टन गिरी, अक्टूबर-अप्रैल में उत्पादन 2O% गिरा
ISMA के मुताबिक गिरावट से पहले के 5 महीनों में चीनी बिक्री में बढ़त का रुख था
नई दिल्ली। लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था के हर हिस्से पर दबाव देखने को मिल रहा है। ताजा संकेत शुगर इंडस्ट्री से आए हैं। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च और अप्रैल में चीनी की बिक्री 10 लाख टन घट गई है। बिक्री में गिरावट लॉकडाउन की वजह से देखने को मिली है। खास बात ये है कि अक्टूबर से शुरू हुए शुगर सीजन के पहले 5 महीने के दौरान बिक्री में 10.24 लाख टन की बढ़त थी। लॉकडाउन की वजह से ये बढ़त अब पूरी तरह खत्म हो गई है और चीनी बिक्री पिछले साल के स्तर पर ही आ गई है।
वहीं दूसरी तरफ चीनी के उत्पादन में भी गिरावट देखने को मिली है। देश की चीनी मिलों में पहली अक्टूबर 2019 से लेकर 30 अप्रैल 2020 तक 258 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है, जो कि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 63.7 लाख टन कम है। पिछले साल की इसी अवधि में चीनी मिलों ने कुल 321.7 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था।
अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में उत्पादन घटा है। उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल तक 116.5 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था जो कि पिछले साल के मुकाबले 3.72 लाख टन ज्यादा है। वहीं महाराष्ट्र में 60.67 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पिछले साल 107.15 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। ISMA के मुताबिक फिलहाल देश भर में 90 चीनी मिल को छोड़कर बाकी सभी क्रशिंग बंद कर चुकी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक मिलों से करीब 35 लाख टन चीनी निर्यात के लिए भेजी गई है। इसके साथ इंडोनेशिया और ईरान से भी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिले हैं, जिनको लॉकडाउन में ढील होने के साथ ही भेजा जाएगा।
ISMA ने उम्मीद जताई है कि एक बार लॉकडाउन में ढील मिलनी शुरू होगी तो चीनी की बिक्री में भी बढ़त देखने को मिलेगी। एसोसिएशन के मुताबिक लॉकडाउन में ढील के बाद डीलर की तरफ से स्टॉक भरने के लिए मांग देखने को मिलेगी जो कि फिलहाल बिल्कुल खत्म हो चुका है, दूसरी तरफ गर्मी बढ़ने के साथ पेय पदार्थ, आइसक्रीम उत्पादकों की तरफ से भी चीनी की मांग में तेजी दर्ज होने की उम्मीद है।