नई दिल्ली। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन सुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चालू चीनी वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) के लिए चीनी उत्पादन के आंकड़े जारी किए हैं जिनके मुताबिक नवंबर अंत तक उत्पादन पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 42 फीसदी अधिक दर्ज किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक 30 नवंबर तक देशभर में चीनी मिलों ने 39.51 लाख टन चीनी का उत्पादन कर लिया है, पिछले साल इस दौरान उत्पादन 27.82 लाख टन दर्ज किया गया था।
ISMA ने 2017-18 के दौरान देश में कुल उत्पादन 251 लाख टन होने का अनुमान लगाया है साथ में 2.85 लाख टन आयात का भी अनुमान है। संगठन के मुताबिक अक्टूबर में जब 2017-18 सीजन की शुरुआत हुई थी तो पिछल साल का 38.76 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा हुआ था, इस लिहाज से 2017-18 में चीनी की कुल सप्लाई 292.61 लाख टन अनुमानित की गई है जबकि घरेलू खपत 250-252 लाख टन होने का अनुमान है, यानि अगले सीजन 2018-19 की शुरुआत से पहले 40-42 लाख टन चीनी का स्टॉक बचा होगा।
ISMA के मुताबिक 31 दिसंबर के बाद सरकार चीनी पर से स्टॉक लिमिट हटा देगी जिसके बाद मार्केट में चीनी की मांग बढ़ सकती है और कीमतों को भी सहारा मिलने का अनुमान है, संगठन ने यह भी कहा है कि सरकार अगर पहले स्टॉक लिमिट को हटा लेती है तो इससे मांग में सुधार होगा।
संगठन ने अगले सीजन 2018-19 के लिए चीनी उत्पादन को लेकर बाजार में आ रहे अनुमानों को लेकर भी चेताया है, संगठन का कहना है कि बाजार में इस तरह की खबरें आ रही है कि अगले सीजन में चीनी उत्पादन 290-300 लाख टन हो जाएगा, जबकि हकीकत यह है कि 2018-19 में जिस गन्ने की पेराई होनी है उसकी अभी सिर्फ 10 फीसदी खेती हो पायी है और बाकी 90 फीसदी खेती होना बाकी है, ऐसे में यह सभी अनुमान निराधार हैं।
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