नई दिल्ली। फुटकर और थोक उपभोक्ताओं की भारी मांग के चलते दिल्ली थोक बाजार में चीनी के भाव 50 रुपए क्विंटल की तेजी के साथ तीन साल के उच्चस्तर तक जा पहुंचे। चीनी के भाव फुटकर बाजार में 45 रुपए किलो तक जा पहुंचे। बाजार सूत्रों के अनुसार सरकार ने अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक मिलों के लिए भंडारण सीमा तय कर दी है। उन्होंने बताया कि त्यौहारी सीजन के कारण मांग बढ़ने से चीनी की कीमतों में उछाल आया।
चीनी की कीमतों तेजी के ये हैं कारण
बाजार सूत्रों ने कहा कि चीनी मिलों की ओर से बाजार में सीमित आपूर्ति और त्योहारों से पहले फुटकर विक्रेताओं, स्टॉकिस्टों और थोक उपभोक्ताओं मांग बढ़ने के कारण मुख्यत: चीनी कीमतों में तेजी आई। दूसरी ओर चीनी मिलों की निरंतर आपूर्ति के कारण सरकारी और सहकारिता चीनी मिलों ने कीमतों में गिरावट के रख का खुलासा किया है। उनका दावा है कि सरकारी और सहकारिता चीनी मिलों की निर्बाध आपूर्ति ने चीनी कीमतों को कम बनाए रखा। चीनी कीमतों में अप्रत्याशित तेजी को रोकने के लिए सरकार ने पिछले सप्ताह चीनी मिलों पर चीनी के स्टॉक रखने की सीमा को लागू किया था।
50 रुपए प्रति क्विंटल महंगी हुई चीनी
चीनी तैयार एम 30 और एस 30 के भाव 50 रुपे की तेजी के साथ क्रमश: 3950-4150 रुपए और 3949-4140 रुपए क्विंटल बंद हुए। वहीं चीनी मिल डिलीवरी एम 30 और एस 30 के भाव 50 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 3620-3790 रपए और 3610-3780 रपए क्विंटल बंद हुए। मिलगेट चीनी: अनूपशहर के भाव 40 रुपए की तेजी के साथ 3610 रुपए किवंटल बंद हुए। बागपत, नजीबाबाद और मोरना के भाव 30 रुपए चढ़कर क्रमश: 3630 रुपए, 3620 रुपए और 3630 रुपए क्विंटल बंद हुए ।
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