नई दिल्ली: केंद्र ने चीनी का खुदरा भाव 40 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंचने के साथ राज्य सरकारों को जमाखोरी रोकने तथा बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाने के लिये चीनी व्यापारियों पर भंडार सीमा तय करने को कहा है। आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत भंडार रखने की सीमा तय की जा रही है। इसका मतलब है कि व्यापारी राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक भंडार नहीं रख सकते। खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, चीनी कीमत की प्रवृत्ति को देखते हुए हमने राज्य सरकारों से एहतियाती उपायों के तहत जमाखोरी रोकने के लिये भंडार सीमा लगाने को कहा है।
खुदरा बाजारों में चीनी की कीमत अक्टूबर 2015 से बढ़ रही है। इसका कारण वर्ष 2015-16 अक्टूबर-सितंबर में उत्पादन कम होकर 2.56 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल यह 2.83 करोड़ टन था। इस महीने की शुरूआत में चीनी की कीमत 40 रुपए किलो के उपर पहुंच गयी जबकि पिछले वर्ष अक्टूबर में यह 30 रुपए किलो थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार फिलहाल कीमत 44 रुपए किलो है। रिकार्ड उत्पादन तथा पिछले वर्ष के बचे भंडार के कारण 2014-15 में चीनी की कीमतों में गिरावट आयी थी। हालांकि कम उत्पादन की आशंका तथा सरकार का 2015-16 में 32 लाख टन चीनी के निर्यात की अनिवार्यता से कीमतों में तेजी आयी है।
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