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Hindi News पैसा बिज़नेस ISMA ने 10 लाख टन बढ़ाया चीनी उत्पादन का अनुमान, सस्ती हो सकती है चीनी

ISMA ने 10 लाख टन बढ़ाया चीनी उत्पादन का अनुमान, सस्ती हो सकती है चीनी

देश में चीनी उत्पादन 261 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पहले 251 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल देश में 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था

Sugar price- India TV Paisa Sugar price can fall as Industry estimates 1 million tons higher production, क्या और सस्ता होगा चीनी का भाव

नई दिल्ली। प्याज टमाटर की महंगाई से परेशान जनता को इस बार चीनी की महंगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। देश में चीनी मिलों के संगठन इंडियन सुगर मिल एसोसिएशन (ISMA) ने मौजूदा चीनी वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी उत्पादन अनुमान में 10 लाख टन की बढ़ोतरी की है। ISMA के मुताबिक इस साल देश में चीनी उत्पादन 261 लाख टन होने का अनुमान है। इससे पहले 251 लाख टन चीनी पैदा होने का अनुमान लगाया गया था। पिछले साल देश में 203 लाख टन चीनी का उत्पादन हो सका था।

जरूरत से 11 लाख टन ज्यादा चीनी

ISMA के मुताबिक देश में सालभर में करीब 250 लाख टन चीनी की खपत होने का अनुमान है, ऐसे में जरूरत से करीब 10-11 लाख टन अधिक चीनी है। ज्यादा उत्पादन से चीनी की सप्लाई में इजाफा होगा जिससे आने वाले दिनों में इसके भाव पर दबाव रह सकता है।

चीनी उद्योग ने जताई भाव घटने की आशंका

हालांकि भाव ज्यादा न घटे इसके लिए चीनी उद्योग ने चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार से गुहार लगाना भी शुरू कर दी है। ISMA के मुताबिक उसके कुछ अधिकारी सरकार से मिले हैं और चीनी के ज्यादा स्टॉक को लेकर चीनी उद्योग की चिंताओं को सरकार के साथ साझा किया है। ISMA के मुताबिक उसके अधिकारियों ने सरकार से कहा है कि ज्यादा उत्पादन की वजह से चीनी के भाव पर दबाव बढ़ेगा और इंडस्ट्री को गन्ना किसानों का भुगतान करने में परेशानी हो सकती है।

चीनी आयात पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क की मांग

ISMA के मुताबिक सरकार ने चीनी कीमतों को ज्यादा घटने से रोकने के लिए कदम उठाने को लेकर सहमती जताई है और कुछ स्टॉक के तुरंत निर्यात पर भी सहमती दी है। ISMA ने पाकिस्तान से चीनी आयात पर लगाम लगाने के लिए आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की मांग भी की है।

बांग्लादेश और श्रीलंका को निर्यात की संभावना

ISMA के मुताबिक उनका संगठन चीनी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है और बांग्लादेश के साथ श्रीलंका को चीनी निर्यात की संभावनाएं तलाश रहा है। दोनो ही देश सार्क (SAARC) तथा साफ्टा (SAFTA) संगठन के सदस्य हैं और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सकता है। 

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