नई दिल्ली। भारत का चीनी उत्पादन कम गन्ना उत्पादन के कारण अक्टूबर से शुरु होने वाले अगले विपणन वर्ष में चार फीसदी घटकर करीब 2.4 करोड़ टन रह जाने की संभावना है लेकिन आयात करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि देश में इसका पर्याप्त स्टॉक जमा है। उद्योग संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने यह जानकारी दी है।
ब्राजील के बाद चीनी के दूसरे विशालतम उत्पादक देश, भारत में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष 2015-16 (अक्टूबर से सितंबर) में घटकर करीब 2.5 करोड़ टन होने की संभावना है जो उत्पादन इसके पिछले वर्ष में 2.83 करोड़ टन का हुआ था। इस्मा के अध्यक्ष तरुण साहनी ने क कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, कि गन्ना बुवाई के रकबे के आधार पर अगले सत्र में चीनी का उत्पादन कम से कम 2.4 करोड़ टन होने की उम्मीद है।
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उन्होंने कहा कि दो सूखा प्रभावित राज्य, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ना बुवाई के कम क्षेत्र के कारण उत्पादन में गिरावट आने की उम्मीद है लेकिन इसकी भरपाई कुछ हद तक उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की चीनी मिलें कर देंगी। अगले सत्र में चीनी के आयात की आवश्यकता के बारे में पूछने पर साहनी ने कहा, कि हमारे पास देश में जरुरत से अधिक चीनी है। हम देश में चीनी का कोई आयात नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस्मा चाहती है कि चीनी का आयात शुल्क 40 फिसदी पर बना रहे।
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