नई दिल्ली। अक्टूबर से शुरू होने वाले नए चीनी विपणन वर्ष में चीनी का उत्पादन 14 प्रतिशत घटकर 2.82 करोड़ टन रहने का अनुमान है। चीनी उद्योग की संस्था इस्मा ने सोमवार को बताया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में कम बारिश के कारण गन्ने के रकबे में कमी आने की वजह से अगले साल चीनी का उत्पादन कम होगा।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अपने एक बयान में कहा है कि चालू 2018-19 विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का उत्पादन 3.295 करोड़ टन रहने का अनुमान है। जून तक मिलों ने 3.28 करोड़ टन चीनी का उत्पादन कर लिया है और अगले तीन माह के दौरान और 10 से 15 हजार टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान है। चीनी की वार्षिक घरेलू मांग 2.65 करोड़ टन है।
इस्मा ने अपने बयान में कहा है कि जून 2019 में प्राप्त सैटेलाइट तस्वीरों के आधार पर देश में गन्ने का कुल रकबा 2019-20 में लगभग 49.31 लाख हेक्टेयर रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के कुल रकबे 55.02 लाख हेक्टेयर से लगभग 10 प्रतिशत कम है।
2019-20 विपणन वर्ष के लिए इस्मा के अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 1.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो चालू वर्ष में 1.182 करोड़ टन के लगभग बराबर है। इस्मा ने कहा कि अन्य प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने का रकबा 2019-20 के लिए लगभग 30 प्रतिशत घटेगा, जिसका प्रमुख कारण कम बारिश है। इस वजह से महराष्ट्र में चीनी का उत्पादन घटकर 70 लाख टन रहेगा, जिसके 2018-19 में 1.071 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
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