नई दिल्ली। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने चीने मिलों के लिए 15 अक्टूबर तक एक महीने के लिए एक नए माध्यम की शुरुआत की है, जिसके जरिये वे देश में इथेनॉल मिश्रण की क्षमता तैयार करने के लिए घटी ब्याज दरों पर ऋण लेने के लिए प्रस्ताव दाखिल कर सकते हैं। केंद्र सरकार ने जून 2018 में घोषित प्रोत्साहन योजना के तहत डिस्टिलरी स्थापित करने या मौजूदा इकाई की क्षमता बढ़ाने के लिए चीनों मिलों को आसान शर्तों पर ऋण देने की पेशकश की थी।
सरकार की इस योजना का मकसद चीनी मिलों को गन्ने से इथेनॉल बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। योजना के तहत सरकार ने अनुदान को दोगुना कर दिया है, जो 22,000 करोड़ रुपए की ऋण राशि पर करीब 4,600 करोड़ रुपए है। अधिकारी ने बताया कि अब तक 3,500 करोड़ रुपए के 68 प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई है और बैंकों ने उनके ऋण को मंजूरी दी है। इन प्रस्तावों के लिए अब एक नया माध्यम शुरू किया गया है।
यह माध्यम 15 सितंबर से एक महीने के लिए खोला गया है। उन्होंने कहा कि जिन मिलों के आवेदन कुछ शर्तों को पूरा नहीं करने के चलते पहले खारिज कर दिए गए थे, वे भी ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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