चीनी वर्ष 2019-20 के अंत तक चीनी मिलों पर गन्ना बकाया है 15,000 करोड़ रुपए, सबसे ज्यादा उप्र के किसान परेशान
द्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू सीजन 2019-20 में अब तक चीनी निर्यात के 57 लाख टन के सौदे किए हैं।
नई दिल्ली। चालू चीनी वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो गया है, लेकिन देश के गन्ना उत्पादक किसानों का बकाया अब तक करीब 15,000 करोड़ रुपया चीनी मिलों पर बरकरार है। इसमें सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के किसानों का तकरीबन 9,500 करोड़ रुपए बकाया है। गन्ना बकाया के ये आंकड़े केंद्रीय खाद्य मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए हैं। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीनी उत्पादन विपणन वर्ष 2019-20 (अक्टूबर-सिंतबर) के गन्ने के दाम का करीब 12,000 करोड़ रुपए चीनी मिलों ने अब तक भुगतान नहीं किया है, जबकि पिछले साल के बकाये को जोड़ने पर देशभर के किसानों का करीब 15,000 करोड़ रुपए चीनी मिलों पर बकाया है।
उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश के किसानों का करीब 9,500 करोड़ रुपए गन्ने के दाम का बकाया है। चीनी उद्योग संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के मुताबिक, नकदी के संकट की वजह से चीनी मिलें किसानों के बकाये का भुगतान नहीं कर पा रही हैं, जबकि इस साल भारत ने चीनी का रिकॉर्ड निर्यात किया है।
खाद्य मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने चालू सीजन 2019-20 में अब तक चीनी निर्यात के 57 लाख टन के सौदे किए हैं। सरकार ने चीनी मिलों की मांग पर अधिकतम स्वीकार्य निर्यात परिमाण (एमएईक्यू) कोटे के तहत निर्धारित 60 लाख टन चीनी निर्यात करने की समय-सीमा तीन महीने के लिए बढ़ाकर दिसंबर तक कर दी है।
चालू सीजन 2019-20 में एमएईक्यू के तहत तय 60 लाख टन चीनी के निर्यात के कोटे पर सरकार की ओर से चीनी मिलों को 10,448 रुपए प्रति टन की दर से सब्सिडी दी जा रही है। इस्मा के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने हाल ही में कहा था कि चीनी निर्यात अनुदान और बफर स्टॉक अनुदान व अन्य अनुदान के तौर पर भारत सरकार को 8,000 करोड़ रुपए से अधिक की रकम चीनी मिलों को भुगतान करना है। लेकिन भुगतान नहीं होने के कारण किसानों के गन्ना बकाये का भुगतान करने में कठिनाई आ रही है।
खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि जैसे-जैसे बजट उपलब्ध हो रहा है, मंत्रालय द्वारा अनुदान राशि के बकाये का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर से शुरू हो रही तिमाही के दौरान कुछ और भुगतान हो सकता है। उधर, उत्तर प्रदेश में किसानों ने गन्ना बकाये के भुगतान को लेकर प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले सीजन में गन्ने की पेराई शुरू होने से पहले किसानों को बकाये का भुगतान करवाने का आश्वासन दिया है।
उद्योग संगठन नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज (एनएफसीएसएफ) के अनुसार, चालू सीजन 2019-20 में देश में चीनी का उत्पादन 273 लाख टन है, जबकि पिछले साल का बकाया स्टॉक 145 लाख टन था। इस प्रकार चीनी कुल आपूर्ति 2019-20 में 418 लाख टन रही, जबकि घरेलू खपत 250 लाख टन और निर्यात 60 लाख टन होने का अनुमान है। इस प्रकार, अगले सीजन के लिए 108 लाख टन चीनी का बचा हुआ स्टॉक रह जाएगा।