नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि पिछले पांच महीनों में सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 35.55 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि हुई है। सरकार की नीति के मुताबिक पूरे देश में एलपीजी सिलेंडर बाजार मूल्य पर उपलब्ध है। हालांकि, प्रत्येक परिवार एक साल में 12 एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी पर खरीदने का पात्र है। सरकार सब्सिडी राशि का भुगतान सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में करती है, जिसका उपयोग लाभार्थी एलपीजी को बाजार मूल्य पर खरीदने के लिए करता है। पिछले साल अक्टूबर से लेकर अबतक सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के दाम में 35.55 रुपए की वृद्धि हुई है।
राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में प्रधान ने कहा कि दिल्ली में घरेलू सब्सिडी एलपीजी की कीमत 1 अक्टूबर, 2019 को 538.95 रुपए प्रति सिलेंडर थी और इस माह यह बढ़कर 574.50 रुपए हो गई। मूल्य वृद्धि का उन्होंने कोई कारण नहीं बताया। बिना सब्सिडी वाले एलपीजी की कीमत मासिक आधार पर बेंचमार्क अंतरराष्ट्रीय मूल्य पर तय होते हैं। बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत वर्तमान में 805.50 रुपए है। प्रधान ने बताया कि उपभोक्ताओं को 14.2 किग्रा वाले सिलेंडर पर 231 रुपए की सब्सिडी दी जा रही है।
प्रधान ने 31 जुलाई, 2017 को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया था कि सरकार ने सार्वजनिक तेल कंपनियों को आदेश दिया है कि सब्सिडी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए वह प्रति माह सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 4 रुपए का इजाफा करें। उन्होंने कहा कि 1 जुलाई, 2016 से तेल विपणन कंपनियों को सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में प्रति माह 2 रुपए की वृद्धि करने को कहा गया था।
सरकार ने 30 मई, 2017 को जारी अपने आदेश में तेल विपणन कंपनियों से 1 जून, 2017 से प्रति माह सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 4 रुपए बढ़ाने का आदेश दिया। यह वृद्धि तब तक की जानी है जब तक सब्सिडी पूरी तरह से खत्म नहीं हो जाती। देश में सब्सिडी वाले एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 26 करोड़ है। इसमें 8 करोड़ गरीब महिलाएं भी शामिल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मुफ्त कनेक्शन दिया गया है।
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