नई दिल्ली। रियल एस्टेट कारोबार के लिए जल्द ही मंदी का दौर खत्म होने की उम्मीद जताते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर को बाजार अर्थव्यवस्था पर निर्भर रहना चाहिए और सब्सिडी अस्तित्व का मूल आधार नहीं होना चाहिए। यहां आयोजित हाउसिंग मार्केट कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए जेटली ने कहा कि जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था की बात है, उसमें रियल्टी सेक्टर एक बड़ा कारक साबित होगा। उन्होंने कहा कि घरों के लिए जमीन की आसान उपलब्धता बहुत ही महत्वपूर्ण है, जबकि लागत को कम करने के लिए पहले ही बयाज दरें काफी घट चुकी हैं।
जेटली ने कहा कि रियल्टी सेक्टर को बाजार अर्थव्यवस्था पर आधारित होना चाहिए और उद्योगों के जीवित रहने का आधार सब्सिडी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा चुका है और रिजर्व बैंक इस साल ब्याज दरों में चार बार कटौती कर चुका है, जो कि इस सेक्टर के लिए एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे भी ब्याज दरों में कटौती जारी रह सकती है। जेटली ने कहा कि अब रियल्टी सेक्टर में मंदी खत्म होनी चाहिए।
वृहद आर्थिक मुद्दों पर वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक वातावरण मददगार नहीं है और इसका प्रभाव भारत में एक्सपोर्ट में आ रही गिरावट के रूप में दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी ताकत उसकी चुनौतियों का सामना करने की क्षमता है। जेटली ने आगे कहा कि यदि हम सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था नहीं हैं, तो इस पर कोई सवाल नहीं उठा सकता कि हम तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक हैं। राजस्व संग्रह के संकेत आशाजनक हैं।
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