नई दिल्ली। भाजपा सांसद सुब्रमण्यिम स्वामी ने मध्यम वर्ग से बोझ कम करने के लिए आयकर समाप्त करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि इससे देश में ऊंची आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि अनिवार्य रूप से मध्यम वर्ग तथा स्टार्टअप उद्यमियों की युवा पीढ़ी आयकर से सबसे अधिक प्रभावित होती है। यह एक तरह से उनका शोषण है।
स्वामी ने सवाल उठाया कि भारत में आयकर कौन दे रहा है? बहुत छोटा वर्ग। ऐसे में इस छोटे वर्ग पर आप यह बोझ क्यों डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयकर को समाप्त करने से लोगों की बचत बढ़ेगी और इससे निवेश में इजाफा होगा।
यहां संवाददाताओं से बातचीत में स्वामी ने कहा कि ऐसे में इसे समाप्त करने से बचत की दर बढ़ेगी। बचत बढ़़ेगी तो निवेश बढ़ेगा। इससे वृद्धि दर बढ़ेगी। ऐेसे में आप आयकर से जो प्राप्त करते हैं उसे समाप्त करने के बाद अप्रत्यक्ष करों से अधिक हासिल करेंगे।
यहां एक कार्यक्रम के मौके पर अलग से बातचीत में स्वामी ने कहा कि आयकर समाप्त करने से राजस्व का जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई कोयला ब्लॉकों और स्पेक्ट्रम जैसे प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि तभी मैं कह रहा हूं कि 2 जी, 3 जी, 4 जी, 5 जी की नीलामी करें। एक लंबी कतार है। आप कोयला ब्लॉकों की नीलामी कर सकते हैं। सरकार को सभी प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी करनी चाहिए। यह संसाधन जुटाने का तरीका है।
अपने संबोधन में स्वामी ने कहा कि बेरोजगारी और गरीबी की समस्या के हल के लिए देश को अगले दस साल के दौरान दस प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी। स्वामी ने नवोन्मेषण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि युवाओं की सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। उन्हें अपने करियर में स्थायित्व के बजाये जोखिम लेने पर ध्यान देना चाहिए।
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